Aditya Vahini - Anand Vahini
Aditya Vahini - Anand Vahini
February 9, 2025 at 12:38 PM
*महापुरुषोंकी असङ्गता, निरपेक्षता, गम्भीरता तथा अल्पभाषिता को अहङ्कार समझने वाले तथा उनकी सहजता, मृदुभाषिताको स्वार्थ वा मूर्खता समझने वाले बहिर्मुख व्यक्ति; साक्षात् शुक, सनकादि, नारद, ब्रह्मा वा भगवान् शिव जैसे गुरु प्राप्त करके भी कोरे के कोरे ही राह जाते हैं।* - *हृषिकेश ब्रह्मचारी जी*
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