Kshatriya Voice - क्षत्रियों की आवाज़
January 23, 2025 at 02:27 AM
उत्तर प्रदेश के एक चर्चित न्यायाधीश, जो क्षत्रिय समाज से थे, को हाल ही में केरल स्थानांतरित कर दिया गया।
उनके स्थानांतरण के पीछे यह धारणा बनाई और फैलाई गई थी कि वे अपने समाज के प्रति सहानुभूति रखते हैं, भले ही यह केवल अनुमान और आशंका पर आधारित था। इस वजह से उन्हें इतना विरोध झेलना पड़ा कि वे एक प्रकार से अलग-थलग पड़ गए और अंततः उनका तबादला कर दिया गया।
दूसरी ओर, वर्तमान में एक सिटिंग जज जातिगत संगठनों के कार्यक्रमों में खुलकर भाग ले रहे हैं और स्पष्ट रूप से जाति-आधारित चर्चा कर रहे हैं, फिर भी उनके खिलाफ कोई विरोध नहीं हो रहा है।
यह विरोधाभास विचारणीय है। स्वस्थ चर्चा होनी चाहिए।
आइए ट्विटर पर इस मुद्दे को रीट्वीट करें।
https://x.com/Pankaj_Singh79/status/1882097571730186576?t=HvZ6Fht4R1h2igq3NxeDcg&s=19
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