⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
February 8, 2025 at 08:53 AM
*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८१/माघ/शु./११-१६९५७* *┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈* *स्वदेशी चिकित्सा* बाकि शुद्ध आहार लीजिए चौथा माह पूर्ण होते होते शिशु गर्भ में अपने होने की प्रतीति कराए कुछ हलचल करे तब से लेकर डिलीवरी तक रोज दिन में एकबार रामायण, कृष्ण बाल लीला, गीता अथवा कोई भी भगवान जिससे आप श्रद्धा रखते हो उसका भजन अथवा लेखन माध्यम स्वर में गाये, अथवा पढ़े जो बच्चे को सुनाई दे, जिससे बच्चा गर्भ से ही संस्कार सीखने लगेगा। 8 वा और 9 वा माह फिर चाँदी की कटोरी वाला दही शुरू करें, और रात्रि भोजन बाद जो दूध पीना हैं वो दूध में 1 चम्मच हाथ बिलोने से बना मक्खन को गर्म करके बनाया हुआ घी डालकर पीये जिससे बच्चा जल्द गर्भ से बाहर आता हैं और स्त्री को कष्ट कम देता हैं। गर्भिणी स्त्री को आहार में अधिक मलालेदार, गर्म प्रकृति वाला आहार नही लेना हैं, रसोई में हमेशा सेंधा नमक ही खाये। उक्त आहार देने के बाद स्त्री को अन्य कोई गोलिया खाने की आवश्यकता नही हैं और ना ही बार बार अस्पताल जाने की। अस्पताल जाने पर डॉक्टर सोनोग्राफी करके डरा कर कोई भी दवाई खिलाना शुरू कर देगा, बार-बार सोनो ग्राफी से बच्चे के दिमाग पर विपरीत असर होता हैं। बस इतना ध्यान रखने से संतान बुद्धिवान, सौन्दर्यवान, मजबूत शरीर वाली होगी और निरोगी भी रहेगी। जहाँ जहाँ हमने दूध, दही, मक्खन घी लिखा हैं वो देशी गोमाता का ही होना चाहिए। भैंस, जर्सी, HF का दूध दही मक्खन घी बिल्कुल नही चलेगा। ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ *जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें* अपरं भवतो जन्म परं जन्म विवस्वतः । कथमेतद्विजानीयां त्वमादौ प्रोक्तवानिति ॥ *भगवान शनिदेव जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*
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