⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳

6.4K subscribers

About ⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳

*_⚜⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳⚜_ का मुख्य उद्देश्य है कि हिंदुओं को अपने सनातन से अवगत कराना....!! हिंदुओं को हिंदुत्व के बारे में वह जानकारी देना, जिससे वो अपने सनातन के महत्व और सनातन धर्म की महिमा के बारे में जान सकें..और अपने धर्म के प्रति सही मायनों में जागरूक हो सकें...!! जिससे हम अपने सनातन को अगले करोड़ों वर्षों तक जैसा का तैसा जीवित रख पायें...!!*

Similar Channels

Swipe to see more

Posts

⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
6/11/2025, 9:00:31 AM

*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८२/ज्येष्ठ/शु./पू-१८१९०* *┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈* https://t.me/+byRLQE4DlRQ1ZmM9 *किसान की खस्ता हालत सरकारी कानूनों के कारण है* इस तरह से गैट का काम बालना शुरु हुआ। एक नियम उसमें यह रखा गया था कि कोई देश का आन्तरिक कानून और गैट के बनाये गए किसी कानून में अगर झगड़ा होगा तो देश का आन्तरिक कानून लागू किया जायेगा। गैट का कानून लागू नहीं किया जायेगा। तो किसी देश की सीमा जब शुरु होती थी तो गैट का कानून यहाँ पर खत्म होता था। तो देशों की सीमा के अन्दर गैट के कानून कभी लगा नहीं करते थे। देश की सीमा के बाहर जी ट्रेंड का मामला है सिर्फ उसी में कानून लगा करते थे। तो इस तरह की व्यवस्था शुरु हुई और लगातार चलती रही। *क्रमशः* ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ *जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें* भूमिरापोऽनलो वायुः खं मनो बुद्धिरेव च। अहङ्कार इतीयं मे भिन्ना प्रकृतिरष्टधा ॥ *भगवान गणेश जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*

🙏 1
⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
6/11/2025, 8:59:47 AM

*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८२/ज्येष्ठ/शु./पू-१८१८९* *┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈* https://t.me/+byRLQE4DlRQ1ZmM9 *भविष्य पुराण* इसलिये बुद्धिमान् मनुष्य शरीरको नश्वर जानकर लेवामात्र भी पाप न करे, पापसे अवश्य ही नरक भोगना पड़ता है। पापका फल दुःख है और नरकसे बढ़कर अधिक दुःख कहीं नहीं है। पापी मनुष्य नकसके अनन्तर फिर पृथ्वीपर वृक्ष आदि अनेक प्रकारकी स्थावर-योनियों जन्म पहण करते हैं और अनेक कष्ट भोगते हैं। अनतर कीर पतंग, पक्षी, पशु आदि अनेक योनियोंगे जन्म लेते हुए अतिदुर्लभ मनुष्य-अन्य पाते हैं। स्वर्ग एवं मोक्ष देनेवाला मनुष्य जन्म पाकर ऐसा कर्म करना चाहिये जिससे नरक न देखना पड़े। यह मनुष्य-योनि देवताओं तथा असुरोक लिये भी आयत दुर्लभ है। धर्मसे ही मनुष्यका जन्म मिलता है। मनुष्य जन्भ पाकर उसे धर्मकी वृद्धि करनी चाहिये। जो अपने कल्याणके लिये धर्मका पालन नहीं करता है, उसके समान मूर्ख कौन होगा? *क्रमशः* ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ *जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें* भूमिरापोऽनलो वायुः खं मनो बुद्धिरेव च। अहङ्कार इतीयं मे भिन्ना प्रकृतिरष्टधा ॥ *भगवान गणेश जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*

🙏 2
⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
6/12/2025, 2:53:48 AM

*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८२/आषाढ़/कृ./१-१८१९२* *┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈* *।। ॐ तत्सत् ।। ।। श्रीगणेशायः नमः ।।* 🚩 *श्रीमद्भागवतमहापुराणम्* 🚩 ⛳ *चतुर्थः स्कन्धः* ⛳ ⛳ *अथाष्टमोऽध्यायः*⛳ 🚩🕉️ *ध्रुव का वन_गमन*🚩🕉️ ⛳ *श्लोक_४१से ४५* ⛳ 🔆 *धर्मार्थकाममोक्षाख्यं य इच्छेच्छ्रेय आत्मनः । एकमेव हरेस्तत्र कारणं पादसेवनम् ।।४१।।* 👉 अर्थात् _जिस पुरुष को अपने लिये धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष रूप पुरुषार्थ की अभिलाषा हो, उसके लिये उनकी प्राप्ति का उपाय एकमात्र श्री हरि के चरणों का सेवन ही है ।।४१।। 🔆 *तत्तात गच्छ भद्रं ते यमुनायास्तटं शुचि । पुण्यं मधुवनं यत्र सांनिध्यं नित्यदा हरेः ।।४२।।* 👉 अर्थात् _बेटा! तेरा कल्याण होगा, अब तू श्री यमुना जी के तटवर्ती परम पवित्र मधुवन को जा। वहाँ श्रीहरि का नित्य-निवास है ।।४२।। 🔆 *स्नात्वानुसवनं तस्मिन् कालिन्द्याः सलिले शिवे । कृत्वोचितानि निवसन्नात्मनः कल्पितासनः ।।४३।।* 👉 अर्थात् _वहाँ श्री कालिन्दी के निर्मल जल में तीनों समय स्नान करके नित्यकर्म से निवृत्त हो यथाविधि आसन बिछाकर स्थिरभाव से बैठना ।।४३।। 🔆 *प्राणायामेन त्रिवृता प्राणेन्द्रियमनोमलम् । शनैर्युदस्याभिध्यायेन्मनसा गुरुणा गुरुम् ।।४४।।* 👉 अर्थात् _फिर रेचक, पूरक और कुम्भक-तीन प्रकार के प्राणायाम से धीरे-धीरे प्राण, मन और इन्द्रिय के दोषों को दूरकर धैर्ययुक्त मन से परमगुरु श्री भगवान्‌ का इस प्रकार ध्यान करना ।।४४।। 🔆 *प्रसादाभिमुखं शश्ववत्प्रसन्नवदनेक्षणम् । सुनासं सुध्रुवं चारुकपोलं सुरसुन्दरम् ।।४५।।* 👉 अर्थात् _भगवान् के नेत्र और मुख निरन्तर प्रसन्न रहते हैं; उन्हें देखने से ऐसा मालूम होता है कि वे प्रसन्नतापूर्वक भक्त को वर देने के लिये उद्यत हैं। उनकी नासिका, भौंहें और कपोल बड़े ही सुहावने हैं; वे सभी देवताओं में परम सुन्दर हैं ।।४५।। 🕉️ *हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।* *हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥* 🕉️ 🚩 *समिति के सभी संदेश नियमित पढ़ने हेतु निम्न व्हाट्सएप चैनल को फॉलो किजिए॥*🙏⛳🚩 ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ *जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें* अपरेयमितस्त्वन्यां प्रकृतिं विद्धि मे पराम् । जीवभूतां महाबाहो ययेदं धार्यते जगत् ॥ *गुरु बृहस्पति देव जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*

❤️ 🙏 2
⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
6/11/2025, 4:29:28 PM

*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८२/आषाढ़/कृ./१* *┈┉══════❀((""""ॐ""""))❀══════┉┈* *🗓आज का पञ्चाङ्ग एवम् राशिफल 🗓* *🌻गुरुवार, १२ जून २०२५🌻* *सूर्योदय: 🌄 ०५:३६* *सूर्यास्त: 🌅 ०७:१६* *चन्द्रोदय: 🌝 २०:३५* *चन्द्रास्त: 🌜०५:३७* *अयन 🌖 उत्तरायणे (उत्तरगोलीय)* *ऋतु: 🌞 ग्रीष्म* *शक सम्वत: 👉 १९४७ (विश्वावसु)* *विक्रम सम्वत: 👉 २०८२ (सिद्धार्थी)* *मास 👉 आषाढ (महाराष्ट्र एवम् गुजरात के अनुसार ज्येष्ठ)* *पक्ष 👉 कृष्ण* *तिथि 👉 प्रतिपदा (१४:२७ से द्वितीया)* *नक्षत्र 👉 मूल (२१:५७ से पूर्वाषाढ)* *योग 👉 शुभ (१४:०५ से शुक्ल)* *प्रथम करण 👉 कौलव (१४:२७ तक)* *द्वितीय करण 👉 तैतिल (२६:५६ तक)* *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* *॥ गोचर ग्रहा: ॥* *🌖🌗🌖🌗* *सूर्य 🌟 वृष* *चंद्र 🌟 धनु* *मंगल 🌟 सिंह (उदित, पूर्व, मार्गी)* *बुध 🌟 मिथुन (उदय, पश्चिम, मार्गी)* *गुरु 🌟 मिथुन (अस्त, पश्चिम, मार्गी)* *शुक्र 🌟 मेष (अस्त, पश्चिम, मार्गी)* *शनि 🌟 मीन (उदय, पूर्व, मार्गी)* *राहु 🌟 कुम्भ* *केतु 🌟 सिंह* *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* *शुभाशुभ मुहूर्त विचार* *⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳* *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* *अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४९ से १२:४५* *अमृत काल 👉 १५:०४ से १६:४८* *विजय मुहूर्त 👉 १४:३७ से १५:३४* *गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:१७ से १९:३७* *सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:१९ से २०:१८* *निशिता मुहूर्त 👉 २३:५७ से २४:३७* *राहुकाल 👉 १४:०२ से १५:४८* *राहुवास 👉 दक्षिण* *यमगण्ड 👉 ०५:१५ से ०७:००* *दुर्मुहूर्त 👉 ०९:५६ से १०:५२* *होमाहुति 👉 चन्द्र (२१:५७ से मंगल)* *दिशा शूल 👉 दक्षिण* *अग्निवास 👉 पाताल (१४:२७ से पृथ्वी)* *चन्द्र वास 👉 पूर्व* *शिववास 👉 गौरी के साथ (१४:२७ से सभा में)* *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* *☄चौघड़िया विचार☄* *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* *॥ दिन का चौघड़िया ॥* *१ - शुभ २ - रोग* *३ - उद्वेग ४ - चर* *५ - लाभ ६ - अमृत* *७ - काल ८ - शुभ* *॥रात्रि का चौघड़िया॥* *१ - अमृत २ - चर* *३ - रोग ४ - काल* *५ - लाभ ६ - उद्वेग* *७ - शुभ ८ - अमृत* *नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।* *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* *शुभ यात्रा दिशा* *🚌🚈🚗⛵🛫* *पूर्व-उत्तर (दही का सेवन कर यात्रा करें)* *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* *तिथि विशेष* *🗓📆🗓📆* *〰️〰️〰️〰️* *आषाढ कृष्ण पक्ष आरम्भ, गुरू हर गोविन्द सिंह जयन्ती, नींव खुदाई एवं गृहारम्भ मुहूर्त प्रातः ०७:२५ से प्रातः ०९:०७ तक आदि।* *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* *आज जन्मे शिशुओं का नामकरण* *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* *आज २१:५७ तक जन्मे शिशुओ का नाम मूल नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (भ, भी) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम पूर्वाषाढ नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (भू, धा) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।* *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* *उदय-लग्न मुहूर्त* *वृषभ - २७:३६ से ०५:३१* *मिथुन - ०५:३१ से ०७:४६* *कर्क - ०७:४६ से १०:०७* *सिंह - १०:०७ से १२:२६* *कन्या - १२:२६ से १४:४४* *तुला - १४:४४ से १७:०५* *वृश्चिक - १७:०५ से १९:२४* *धनु - १९:२४ से २१:२८* *मकर - २१:२८ से २३:०९* *कुम्भ - २३:०९ से २४:३५+* *मीन - २४:३५+ से २५:५८+* *मेष - २५:५८+ से २७:३२+* *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* *पञ्चक रहित मुहूर्त* *चोर पञ्चक - ०५:१५ से ०५:३१* *शुभ मुहूर्त - ०५:३१ से ०७:४६* *रोग पञ्चक - ०७:४६ से १०:०७* *शुभ मुहूर्त - १०:०७ से १२:२६* *मृत्यु पञ्चक - १२:२६ से १४:२७* *अग्नि पञ्चक - १४:२७ से १४:४४* *शुभ मुहूर्त - १४:४४ से १७:०५* *रज पञ्चक - १७:०५ से १९:२४* *शुभ मुहूर्त - १९:२४ से २१:२८* *चोर पञ्चक - २१:२८ से २१:५७* *शुभ मुहूर्त - २१:५७ से २३:०९* *रोग पञ्चक - २३:०९ से २४:३५+* *शुभ मुहूर्त - २४:३५+ से २५:५८+* *शुभ मुहूर्त - २५:५८+ से २७:३२+* *रोग पञ्चक - २७:३२+ से २९:१५+* 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ *आज का सुविचार* ⛳🔱😊🙏🏻⚜️🕉️ *कीचड़ और लीचड़ दोनों से बचने का प्रयास कीजिए एक तन को खराब करता है एक मन को खराब करता है*😊🙏🏻🚩 *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* *आज का राशिफल* *🐐🐂💏💮🐅👩* *〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️* *मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)* *आज के दिन दैनिक कार्यो के अलावा धार्मिक कार्यो के लिये भी समय निकालेंगे परोपकार की भावना दिखावे की रहेगी दान पुण्य मतलब के लिये ही करेंगे। व्यवहारिक जगत के लिये आज आप नकारा ही सिद्ध होंगे। अपना कार्य साधने के लिये मीठे बनेंगे परन्तु किसी और का कार्य करने में क्रोध आएगा। कार्य-व्यवसाय से आज लाभ की उम्मीद अधिक रहेगी धन लाभ होगा भी आशाजनक लेकिन असमय होने उत्साहित नही करेगा। नौकरी वाले लोग जदबाजी में कुछ ना कुछ गड़बड़ करेंगे जिसके उजागर होने पर आलोचना होगी। पारिवारिक वातावरण गरिमामय रहेगा लेकिन परिजनों मन ही मन कुछ ना कुछ उधेड़ बुन में रहेंगे। घरेलू कार्यो की टालमटोल से बचे कलह हो सकती है। सेहत थकान को छोड़ सामान्य रहेगी।* *वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)* *आज का दिन उतार-चढ़ाव वाला रहेगा। दिन के आरंभ से ही शारीरिक शिथिलता सभी कार्यो में बाधा डालेगी फिर भी जबरदस्ती करना बाद में महंगा पड़ेगा। शारीरिक रूप से आज कुछ ना कुछ परेशानी लगी रहेगी मन अनर्गल प्रवृतियों में भटकेगा। घर अथवा व्यावसायिक कार्यो के प्रति लापरवाही करेंगे लेकिन फिर भी मनोरंजन की योजना बनायेगें। कार्य व्यवसाय से लाभ निश्चित होगा लेकिन किसी के सहयोग से ही। महिलाये भी आरोग्य में कमी रहने के कारण धीमी गति से कार्य करेंगी घर का वातावरण अस्त-व्यस्त रहेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन आशाजनक नही रहेगा फिर भी कर्म की तुलना में अधिक ही होगा। परिवार के सदस्य झुंझलाहट में बेवजह ही एक दूसरे से उलझेंगे। यात्रा टालें।* *मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)* *आज दिन के आरंभ से जिस कामना से कार्य करेंगे उसके मध्यान तक पूर्ण होने की संभावना है। कार्य व्यवसाय में आज अन्य दिनों की तुलना में कम परिश्रम से अधिक लाभ कमा सकेंगे। घर के सदस्य अथवा सहकर्मी अपनी बात मनवाने के लिये जिद पर अडंगे पूरी ना होने पर जानबूझकर किसी कार्य मे विलम्ब अथवा बिगाड़ भी सकते है। धन की आमद निश्चित होगी समय से थोड़ा आगे पीछे ही सही। नौकरी वाले लोग आज आलस्य में रहेंगे कार्यो को मजबूरी में सर पर आने पर ही करेंगे। दफ्तर अथवा कार्य क्षेत्र पर व्यवसाय की तुलना में व्यवस्था कम रहेगी जिससे लाभ की मात्रा घटेगी। अपनी कमिया को अनदेखा कर अन्य लोगो मे त्रुटियां निकालेंगे। घर की स्थिति कभी सामान्य कभी उग्र रहेगी। शारीरिक दुर्बलता अनुभव करेंगे।* *कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)* *आज के दिन परिस्थिति कुछ एक बातो को छोड़ आपके अनुकूल रहेगी। दिन के आरंभिक भाग में थोड़ी उलझनों का सामना करना पड़ेगा लेकिन इसके बाद अपने कार्यो पर गंभीर होकर ध्यान देंगे। धन लाभ की संभावना दिन भर लगी रहेगी बीच बीच मे पूर्ण होते रहने से मानसिक रूप से संतोष होगा। आज जबरदस्ती किसी के ऊपर कार्य ना थोपे अन्यथा बिगड़ने की संभावना अधिक है। महिलाए घरेलू आवश्यकता में विलंब होने पर नाराज रहेंगी आज मनाना मुश्किल ही रहेगा। सहकर्मी अथवा कोई अन्य आज अंत समय मे अपनी बात से पलटेगा इसलिये परिस्थिति अनुसार पहके से ही तैयार रहें। लंबी यात्रा आज ना करें हानि हो सकती है।* *सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)* *आज आप स्वभाव से विवेक का परिचय देंगे इसके विपरीत घर का वातावरण बेवजह के झमेलों में डालेगा जिस कारण बाहर समय बिताना अच्छा लगेगा। दैनिक कार्य आज व्यवस्थित रहेंगे अधिक से अधिक धन कमाने की मानसिकता चैन से बैठने नही देगी। कार्य क्षेत्र पर अन्य दिनों की तुलना में ज्यादा व्यस्त रहेंगे फिर भी इसका लाभ आशाजनक नही मिलेगा। आज आप अनैतिक कार्यो से स्वयं ही दूरी बनाकर रहेंगे फिर भी प्रलोभन से स्वयं को बचाना बड़ी चुनौती रहेगी। धन की आमद अन्य दिनों की अपेक्षा सुधरेगी लेकिन घर मे फरमाइशें की सूची भी लंबी रहने के कारण तुरंत निकल जायेगा। सामाजिक कार्यो के प्रति उदासीनता व्यवहारिक जगत से दूरी बढ़ाएगी। स्वयं अथवा परिजन के स्वास्थ्य के ऊपर भी खर्च करना पड़ेगा।* *कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)* *आज का दिन अशुभ फलदायी रहेगा। घर एवं बाहर की परिस्थितियां पल पल पर क्रोध दिलाएंगी इसलिये आज आपको अधिक से अधिक मौन रहने की सलाह है। कार्य क्षेत्र पर भी सहकर्मी अथवा किसी बाहरी व्यक्ति से तालमेल बिगड़ेगा आपको उनका एवं उनको आपका व्यवहार उद्दंड लगेगा जिससे कलह बढ़ेगी। गलती करने पर मान लें अन्यथा परेशानी बढ़ सकती है। आर्थिक रूप से भी दिन उतार चढ़ाव वाला रहेगा जिस लाभ के आप अधिकारी है उसे कोई अन्य ले जाएगा अथवा बहुत कम होने पर निराश होंगे। व्यवसायी वर्ग तगादा करते समय विनम्र रहें अन्यथा गरमा गर्मी में धन डूब सकता है। मन आज वर्जित और असंवैधानिक कार्यो में शीघ्र आकर्षित होगा। महिलाए घर का वातावरण जितना सुधारने का प्रयास करेंगी उतना अधिक बिगड़ेगा। सेहत में नई समस्या बनेगी।* *तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)* *आज का दिन वृद्धिकारक रहेगा। जिस कार्य से कोई आशा नही रहेगी वहां से भी कुछ ना कुछ लाभ ही होगा। अकस्मात लघु यात्रा आने से दैनिक कार्यो में फेरबदल करना पड़ेगा। आलस्य से आज बचें एक बार किसी कार्य मे विलम्ब हुआ तो रात्रि तक यही क्रम जारी रहेगा। मध्यान बाद व्यस्तता बढ़ेगी व्यवसाय में अकस्मात उछाल आएगा लेकिन इसके अनुरूप आपकी तैयारी नही होने पर खासी मशक्कत करनी पडेगी फिर भी धन की आमद एक से अधिक मार्ग से होगी आर्थिक दृष्टिकोण से भविष्य के प्रति आज निश्चिन्त रहेंगे लेकिन घर मे किसी ना किसी से कलह होकर ही रहेगी। स्वास्थ्य मानसिक दुविधा के कारण सर दर्द अथवा अन्य छोटी मोटी परेशानी आ सकती है।* *वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)* *आज का दिन पिछले दिन की तुलना में बेहतर रहेगा लेकिन फिर भी आज दिमाग से सभी प्रकार के डर को दूर करके ही लाभ पाया जा सकता है। दिन के आरंभ से मानसिक रूप से हल्कापन अनुभव करेंगे मन मे विचित्र ख्याल चलते रहेंगे। व्यवसायी वर्ग आज जल्दी ही अपने कामो में जुट जाएंगे इसके विपरीत नौकरी वाले लोग पहले विलम्ब करेंगे बाद में कार्य खत्म करने की जल्दी रहेगी। काम-धंधा मध्यान बाद से गति पकड़ेगा आज कोई बड़ा निर्णय ना ही ले तो बेहतर रहेगा। बचकानी हरकतों से आस-पास का माहौल हास्यप्रद बनाएंगे परिवार में धन अथवा अन्य कारण चिता का विषय रहेंगे। संध्या बाद यात्रा पर्यटन की योजना बनेगी। सेहत में सुधार अनुभव होगा।* *धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)* *आज का दिन यादगार रहेगा। कई दिनों से मन में चल रही कामना की पूर्ति आज होने से अकस्मात खुशी मिलेगी। कार्य व्यवसाय में भी उन्नति के योग है जिस किसी कार्य को करेंगे उसमें स्वयं के बल पर ही सफलता पा लेंगे भागीदारी के कार्यो में बड़े निर्णय लेने से आज बचें अन्यथा तालमेल की कमी के कारण आपस मे फुट पड़ सकती है। महिलाए भ्रामक खबरों पर यकीन ना करें वरना घर का सुरम्य वातावरण छोटी सी गलतफहमी के कारण लंबे समय के लिये अशान्त बनेगा। धन की आमद सही समय पर होगी फिर भी आज संतोष की कमी रहने पर कुछ ना कुछ अभाव अनुभव करेंगे। व्यवहारिक संबंधों को छोड़ अन्य सभी कार्य में विजय मिलेगी। सेहत उत्तम रहेगी।* *मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)* *आज के दिन परिस्थितियां विपरीत बनेगी पूर्व में बनाई योजना परिस्थिति वश अंत समय मे बदलनी पड़ेगी। जिस कार्य ने लाभ देख रहे थे वहां से लाभ तो होगा लेकिन आशा से बहुत कम। व्यवसायी वर्ग धन अथवा महंगी वस्तुओ संबंधित कार्य विचार कर ही करें हानि की संभावना आज अधिक है। धन के फंसने पर आगे के कार्य प्रभावित होंगे। नौकरी वाले जातक विषम परिस्थितियों में भी निश्चिन्त रहेंगे लेकिन घर के वातावरण में कुछ ना कुछ उथल-पुथल लगी रहेगी। धन की आमद प्रयास करने पर हो जाएगी लेकिन आवश्यकता की तुलना में कम रहेगी। महिला वर्ग भावुक कर खर्चा करवाएगी कर्ज बढ़ने के आसार है खर्च आज सोच समझ कर ही करे। सेहत में नया विकार आएगा।* *कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)* *आज का दिन सामाजिक एवं राजकीय कार्य के लिये अनुकूल है धन के साथ पद प्रतिष्ठा का भी लाभ मिलेगा। समाज के उच्चवर्गीय लोगो से जान पहचान होगी परन्तु इनसे तुरंत लाभ उठाने का प्रयास ना करें अन्यथा संबंधों में तुरंत खटास भी आ सकती है। सार्वजिक क्षेत्र पर आवश्यकता पड़ने पर ही बोले जल्दबाजी में कुछ अप्रिय बयानबाजी कर देंगे जिससे व्यक्तित्व में कमी आ सकती है। व्यवसायी वर्ग धन कमाने के चक्कर मे जल्दबाजी करेंगे परन्तु ध्यान रहे प्रतिस्पर्धा होने के बाद भी आज धैर्य रखने का परिणाम बाद में अवश्य ही लाभ दिलाएगा। धन की आमद संतोषजनक रहेगी खर्च करने में पीछे नही हटेंगे। घर का वातावरण गलतफहमी के कारण कुछ समय के लिये अशान्त बनेगा। जोड़ो अथवा मासपेशी संबंधित समस्या बन सकती है। यात्रा लाभदायक रहेगी।* *मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)* *आज का दिन कार्य सिद्धि वाला रहेगा जिस भी कार्य को करेंगे उसमे परिस्थितियां स्वतः ही अनुकूल बनने लगेंगी आवश्यकता के समय सहयोग भी आसानी से मिल जाएगा। अधिकांश कार्य सही दिशा और भाग्य का साथ मिलने से समय पर पूर्ण होंगे। कारोबारी लोग आज किया निवेश का लाभ निकट भविष्य में उठाएंगे फिर भी ज्यादा जोखिम ना लें। नौकरी वाले जातक आज अतिरिक्त कार्य आने पर असहज अनुभव करेंगे सहयोग भी कम मिलेगा फिर भी अपने पराक्रम से थोडे विलम्ब से विजय पा लेंगे। धन की आमद दोपहर बाद निश्चित होगी अतिरिक्त खर्च भी होंगे। गृहस्थ का माहौल पल-पल में बदलने से तालमेल बैठाने में परेशानी होगी। परिजनों के लिये समय निकालें अन्यथा मतभेद हो सकते है। सेहत लगभग सामान्य ही रहेगी।* ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ अपरेयमितस्त्वन्यां प्रकृतिं विद्धि मे पराम् । जीवभूतां महाबाहो ययेदं धार्यते जगत् ॥ *गुरु बृहस्पति देव जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*

🙏 🚩 ❤️ 🎉 👍 👏 21
⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
6/11/2025, 8:58:44 AM

*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८२/ज्येष्ठ/शु./पू-१८१८६* *┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈* *जीवन के सार्थक🌞 संदेश🙏🏻* *विद्वान 🗣उवाच* *🌻संस्कृत श्लोक🌻* *⛳धनिकः श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पञ्चमः।🚩* *⛳पञ्च यत्र न विद्यन्ते न तत्र दिवसे वसेत ॥🚩* *🌷हिंदी भावार्थ🌷* *🌺जहां कोई सेठ, वेदपाठी विद्वान, राजा और वैद्य न हो, जहां कोई नदी न हो, इन पांच स्थानों पर एक दिन भी नहीं रहना चाहिए ।🌺* *🌹ऐसे ही संदेश प्राप्त करने के लिए पढ़ते रहे🌹🙏🏻* ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ *जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें* भूमिरापोऽनलो वायुः खं मनो बुद्धिरेव च। अहङ्कार इतीयं मे भिन्ना प्रकृतिरष्टधा ॥ *भगवान गणेश जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*

🙏 1
⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
6/12/2025, 2:53:19 AM

*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८२/आषाढ़/कृ./१-१८१९१* *┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈* ⛳🚩🚩🛕 *जय श्रीराम* 🛕🚩🚩⛳ ************************************** 🙏 *श्रीराम – जय राम – जय जय राम* 🙏 ************************ 🌞 *श्रीरामचरितमानस* 🌞 🕉️ *सप्तम सोपान* 🕉️ ☸️ *उत्तर काण्ड*☸️ ⛳ *चौपाई १ से ४, दोहा ७० क, ख*⛳ *बोलेउ काकभसुंड बहोरी । नभग नाथ पर प्रीति न थोरी ॥ सब बिधि नाथ पूज्य तुम्ह मेरे । कृपापात्र रघुनायक केरे ॥* काकभुशुण्डिजी ने फिर कहा-पक्षिराज पर उनका प्रेम कम न था (अर्थात् बहुत था) - हे नाथ! आप सब प्रकार से मेरे पूज्य हैं और श्रीरघुनाथजी के कृपापात्र हैं ॥ १ ॥ *तुम्हहि न संसय मोह न माया । मो पर नाथ कीन्हि तुम्ह दाया ॥ पठइ मोह मिस खगपति तोही । रघुपति दीन्हि बड़ाई मोही ॥* आपको न सन्देह है और न मोह अथवा माया ही है। हे नाथ! आपने तो मुझ पर दया की है। हे पक्षिराज ! मोह के बहाने श्रीरघुनाथजी ने आपको यहाँ भेजकर मुझे बड़ाई दी है ॥ २ ॥ *तुम्ह निज मोह कही खगसाईं । सो नहिं कछु आचरज गोसाईं ॥ नारद भव बिरंचि सनकादी। जे मुनिनायक आतमबादी ॥* हे पक्षियों के स्वामी ! आपने अपना मोह कहा, सो हे गोसाईं! यह कुछ आश्चर्य नहीं है। नारदजी, शिवजी, ब्रह्माजी और सनकादि जो आत्मतत्त्व के मर्मज्ञ और उसका उपदेश करनेवाले श्रेष्ठ मुनि हैं ॥ ३ ॥ *मोह न अंध कीन्ह केहि केही। को जग काम नचाव न जेही ॥ तृस्त्राँ केहि न कीन्ह बौराहा । केहि कर हृदय क्रोध नहिं दाहा ॥* उनमें से भी किस-किस को मोहने अंधा (विवेकशून्य) नहीं किया ? जगत् में ऐसा कौन है जिसे काम ने न नचाया हो ? तृष्णा ने किसको मतवाला नहीं बनाया? क्रोध ने किसका हृदय नहीं जलाया ? ॥ ४ ॥ *दोहा* *ग्यानी तापस सूर कबि कोबिद गुन आगार। केहि कै लोभ बिडंबना कीन्हि न एहिं संसार ॥ ७० (क) ॥* इस संसार में ऐसा कौन ज्ञानी, तपस्वी, शूरवीर, कवि, विद्वान् और गुणों का धाम है, जिसकी लोभ ने विडम्बना (मिट्टी पलीद) न की हो ॥ ७० (क) ॥ *श्रीमद बक्र न कीन्ह केहि प्रभुता बधिर न काहि। मृगलोचनि के नैन सर को अस लाग न जाहि ॥ ७० (ख) ॥* लक्ष्मी के मद ने किसको टेढ़ा और प्रभुता ने किसको बहरा नहीं कर दिया? ऐसा कौन है, जिसे मृगनयनी (युवती स्त्री) के नेत्र-बाण न लगे हों? ॥ ७० (ख) ॥ 🙏 *श्रीराम – जय राम – जय जय राम* 🙏🚩⛳ *समिति के सभी संदेश नियमित पढ़ने हेतु निम्न व्हाट्सएप चैनल को फॉलो किजिए ॥🙏🚩⛳* https://whatsapp.com/channel/0029VaHUKkCHLHQSkqRYRH2a ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ *जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें* अपरेयमितस्त्वन्यां प्रकृतिं विद्धि मे पराम् । जीवभूतां महाबाहो ययेदं धार्यते जगत् ॥ *गुरु बृहस्पति देव जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*

🙏 1
⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
6/12/2025, 2:54:40 AM

*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८२/आषाढ़/कृ./१-१८१९४* *┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈* *जागो हिंदू* 🕉️🇮🇳 🚩 जिन महाराजा सुहेलदेव ने आक्रांता सालार मसूद को पहुँचाया ‘जहन्नुम’, उनकी 40 फीट की मूर्ति का CM योगी ने किया अनावरण: शौर्य मेले में भी लिया हिस्सा, बहराइच को दी ₹1200 करोड़+ की योजनाएँ ➖ @WeSupportOpIndia ➖ https://hindi.opindia.com/politics/cm-yogi-inaugurated-several-projects-including-the-statue-of-maharaj-suheldev-in-bahraich-of-up/ सालार गाजी का मेला बंद करवाया Join us by using link... Follow the ⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳ channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaHUKkCHLHQSkqRYRH2a ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ *जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें* अपरेयमितस्त्वन्यां प्रकृतिं विद्धि मे पराम् । जीवभूतां महाबाहो ययेदं धार्यते जगत् ॥ *गुरु बृहस्पति देव जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*

🙏 4
⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
6/12/2025, 2:54:26 AM

*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८२/आषाढ़/कृ./१-१८१९३* *┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈* 🟠दिवस विशेष🟠 🔸विश्व बालश्रम निषेध दिवस प्रत्येक वर्ष 12 जून को मनाया जाता है। भारत में बालश्रम की समस्या दशकों से प्रचलित है। भारत सरकार ने बालश्रम की समस्या को समाप्त क़दम उठाए हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 खतरनाक उद्योगों में बच्चों के रोजगार पर प्रतिबंध लगाता है। भारत की केंद्र सरकार ने 1986 में बालश्रम निषेध और नियमन अधिनियम पारित कर दिया। इस अधिनियम के अनुसार बालश्रम तकनीकी सलाहकार समिति नियुक्त की गई। इस समिति की सिफारिश के अनुसार, खतरनाक उद्योगों में बच्चों की नियुक्ति निषिद्ध है। 1987 में, राष्ट्रीय बालश्रम नीति बनाई गई थी। भारत में बालश्रम भारतवर्ष में प्रारंभ से ही बच्चों को ईश्वर का रूप माना जाता है। ईश्वर के बाल रूप यथा 'बाल गणेश', 'बाल गोपाल', 'बाल कृष्णा', 'बाल हनुमान' आदि इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। भारत की धरती ध्रुव, प्रह्लाद, लव-कुश एवं अभिमन्यु जैसे बाल चरित्रों से पटी हुई है। बच्चों का वर्तमान दृश्य इससे भिन्न है। बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। ग़रीब बच्चे सबसे अधिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। ग़रीब बच्चियों का जीवन भी अत्यधिक शोषित है। छोटे-छोटे ग़रीब बच्चे स्कूल छोड़कर बाल-श्रम हेतु मजबूर हैं। बाल-श्रम, मानवाधिकार का खुला उल्लंघन है। यह बच्चों के मानसिक, शारीरिक, आत्मिक, बौद्धिक एवं सामाजिक हितों को प्रभावित करता है। बच्चे आज के परिवेश में घरेलू नौकर का कार्य कर रहे हैं। वे होटलों, कारखानों, सेवा-केन्द्रों, दुकानों आदि में कार्य कर रहे हैं, जिससे उनका बचपन पूर्णतया प्रभावित हो रहा है। भारत के संविधान, 1950 का अनुच्छेद 24 स्पष्ट करता है कि 14 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चे को ऐसे कार्य या कारखाने इत्यादि में न रखा जाये जो खतरनाक हो। कारखाना अधिनियम, बाल अधिनियम, बाल श्रम निरोधक अधिनियम आदि भी बच्चों के अधिकार को सुरक्षा देते हैं किन्तु इसके विपरीत आज की स्थिति बिलकुल भिन्न है। पिछले कुछ वर्षों से भारत सरकार एवं राज्य सरकारों की पहल इस दिशा में सराहनीय है। उनके द्वारा बच्चों के उत्थान के लिए अनेक योजनाओं को प्रारंभ किया गया हैं, जिससे बच्चों के जीवन व शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव दिखे। शिक्षा का अधिकार भी इस दिशा में एक सराहनीय कार्य है। इसके बावजूद बाल-श्रम की समस्या अभी भी एक विकट समस्या के रूप में विराजमान है। इसमें कोई शक नहीं कि बाल-श्रम की समस्या किसी भी देश व समाज के लिए घातक है। बाल-श्रम पर पूर्णतया रोक लगनी चाहिए। बाल-श्रम की समस्या जड़ से समाप्त होना अति आवश्यक है। 👉🏻हमसे कुटुंब ऐप पर अवश्य जुड़े -https://kutumb.app/sanatan-dharmarakshak-samiti?ref=K8ZOC&screen=star_share ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ *जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें* अपरेयमितस्त्वन्यां प्रकृतिं विद्धि मे पराम् । जीवभूतां महाबाहो ययेदं धार्यते जगत् ॥ *गुरु बृहस्पति देव जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*

🙏 1
⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
6/11/2025, 8:59:31 AM

*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८२/ज्येष्ठ/शु./पू-१८१८७* *┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈* 🟠 *स्वदेशी चिकित्सा* 🟠 *आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्* मूत्रजेषु तु पाने च प्राग्भक्तं शस्यते घृतम् ।। जीर्णान्तिकं चोत्तमया मात्रया योजनाद्वयम् । अवपीडकमेतच्च संज्ञितम्- अर्थ : मूत्ररोध की चिकितसा-मूत्र वेग के रोकने से उत्पन्न रोगों में भोजन के पहले घृत पीना उत्तम माना गया है। और वह घृत जीर्णान्तिक उत्तम मात्रा में होना चाहिये। इस प्रकार भोजन के पहले घृत पीना और जीर्णान्तिक घृत पीना इन दो प्रयोग विधियों का नाम अवपीडक है। विश्लेषण : प्राग्भक्त इसका तात्पर्य भोजन के पहले घृतपीना है और जीर्णान्तिक का तात्पर्य पूर्णरूप से अन्न के पच जाने पर घी का पीना है। इस प्रकार घृत का पान उत्तम मात्रा में पीना चाहिये। उत्तम मात्रा का तात्पर्य जो घी की मात्रा दिन रात में अर्थात् 24 घंटे में पच जाय उसे उत्तम मात्रा कहते हैं यह मात्रा तोल के अनुसार नहीं बतायी गयी। 'इसका कारण यह है कि मानव अपने-अपने सुविधा के अनुसार घृत का सेवन करते हैं जिस मात्रा में घृत का सेवन किया जाता है वह प्रकृति के अनुकूल बन जाता है। उसका पाचन अन्न की तरह 4 या 5 घंटे में हो जाता है। उस व्यक्ति को इतना घृत पिलाना चाहिये तिसका पाचन 24 घंटे में हो जाय। यहां इन दो प्रयोगों का नाम अवपीडक बताया है। और इस ग्रंथ में जहाँ-जहाँ अवपीडक यह शब्द आता है वहाँ वहाँ स्नेह पीने की इस विधि का नाम अवपीडक कहा जाता है। इस प्रकार मूत्र वेगरोध जन्य रोगों में घृत का ही पान कराया जाता है। यद्यपि मूत्र वेग रोध से अपान आयु ही कुपित होता है और वात दोष को दूर करने के लिये तेल उत्तम औषध माना गया है, फिर भी उसका प्रयोग नहीं किया जाता है क्योंकि वात दोष को दूर करते हुए तेल-विवध्न्ध और अल्प मूत्र को उत्पन्न करने वाला होता है, इसलिये यहाँ तेल का पीना नहीं बताया, अन्य कारणों से वात के कुपित होने पर तेल का प्रयोग ही उत्तम है, केवल मूत्र वेग रोध जन्य प्रकृपित वात में घृत का सेवन कराया जाता है। धाररगात्पुनः ।। उद्गारस्यारूचिः कम्पोविबन्धो हृदयोरसोः । आध्मानकासहिध्माश्च हिध्मावत्तत्र भेषजम् ।। अर्थ : उद्गार वेग रोध से हानि-आते हुये उद्‌गार के वेग को रोक देने से भोजन में अरूचि, शरीर में कम्प, हृदय और वक्ष प्रदेश में विबन्ध अर्थात् जकड़ाहट आध्मानकास और हिचकी रोग हो जाता है। इस विकृति में हिक्का रोग की तरह चिकित्सा की जाती है। अर्थात् धूम्रपान, नस्य का प्रयोग किया जाता है। *आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः।* ----------------------------------------------- *समिति के सभी संदेश नियमित पढ़ने हेतु निम्न व्हाट्सएप चैनल को फॉलो किजिए ॥🙏🚩⛳* https://whatsapp.com/channel/0029VaHUKkCHLHQSkqRYRH2a ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ *जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें* भूमिरापोऽनलो वायुः खं मनो बुद्धिरेव च। अहङ्कार इतीयं मे भिन्ना प्रकृतिरष्टधा ॥ *भगवान गणेश जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*

⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
6/11/2025, 2:37:09 AM

*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८२/ज्येष्ठ/शु./पू-१८१८५* *┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈* 🔱 *व्यस्त जीवनशैली में से कुछ मिनट लगा कर अपने शास्त्र, पुराण अवश्य पढ़े,जीवन सरल हो जाएगा।*🔱 *🙏🏻ब्रह्मसूत्र🙏🏻* 🕉️ *१. पहला अध्याय* 🕉️ ♦️ *चौथा पाद*♦️ ✡️ *वेदान्त दर्शन* ✡️ ♦️ *सूत्र १२ :प्राणादयो वाक्यशेषात् ।'* 👉भावार्थ : बाद वाले मंत्र में कहे हुए वाक्य से यहां प्राण और इन्द्रियाँ ही ग्रहण करने योग्य हैं। 🔅 *व्याख्या -* इसी उपनिषद् का मन्त्र (४/४/१८) में प्राण, चक्षु, श्रोत तथा मन के ऊपर के पुराण पुरुष का वर्णन है जिसमें पाँच प्राण, पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ, पाँच कर्मेन्द्रियाँ, मन तथा बुद्धि आदि परमेश्वर की कार्य शक्तियों का वर्णन है जो ब्रह्म की ही शक्तियाँ हैं। उन्हीं का वर्णन है। *क्रमश:________* 🕉️ *सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।* 🕉️ *समिति के सभी संदेश नियमित पढ़ने हेतु निम्न व्हाट्सएप चैनल को फॉलो किजिए ॥🙏🚩⛳* https://whatsapp.com/channel/0029VaHUKkCHLHQSkqRYRH2a ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ *जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें* भूमिरापोऽनलो वायुः खं मनो बुद्धिरेव च। अहङ्कार इतीयं मे भिन्ना प्रकृतिरष्टधा ॥ *भगवान गणेश जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*

🙏 👍 3
Link copied to clipboard!