⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
February 9, 2025 at 02:42 AM
*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८१/माघ/शु./१२-१६९६२* *┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈* *।। ॐ तत्सत् ।। ।। श्रीगणेशायः नमः ।।* 🚩 *श्रीमद्भागवतमहापुराणम्* 🚩 ⛳ *तृतीय स्कन्धः* ⛳ ⛳ *अथ सप्तविंशोऽध्यायः*⛳ 🕉️🚩 *प्रकृति-पुरुष के विवेक से मोक्ष-प्राप्ति का वर्णन* 🚩🕉️ ⛳ *श्लोक_११ से १५* ⛳ 🔆 *मुक्तलिंगं सदाभासमसति प्रतिपद्यते । सतोबन्धुमसच्चक्षुः सर्वानुस्यूतमद्वयम् ।।११।।* 👉 अर्थात् _ जो देहादि सम्पूर्ण उपाधियों से पृथक्, अहंकारादि मिथ्या वस्तुओं में सत्यरूप से भासने वाला, जगत् कारण भूता प्रकृति का अधिष्ठान, महदादि कार्य-वर्ग का प्रकाशक और कार्य-कारण रूप सम्पूर्ण पदार्थों में व्याप्त है ।।११।। 🔆 *यथा जलस्थ आभासः स्थलस्थेनावदृश्यते । स्वाभासेन तथा सूर्यो जलस्थेन दिवि स्थितः ।।१२।।* 👉 अर्थात् _ जिस प्रकार जल में पड़ा हुआ सूर्य का प्रतिबिम्ब दीवाल पर पड़े हुए अपने आभास के सम्बन्ध से देखा जाता है और जल में दिखने वाले प्रतिबिम्ब से आकाश स्थित सूर्य का ज्ञान होता है, 🔆 *एवं त्रिवृदह‌ङ्कारो भूतेन्द्रियमनोमयैः । स्वाभासैर्लक्षितोऽनेन सदाभासेन सत्यदृक् ।।१३।।* 👉 अर्थात् _उसी प्रकार वैकारिक आदि भेद से तीन प्रकार का अहङ्कार देह, इन्द्रिय और मन में स्थित अपने प्रतिबिम्बों से लक्षित होता है और फिर सत् परमात्मा के प्रतिबिम्ब युक्त उस अह‌ङ्कार के द्वारा सत्य ज्ञान स्वरूप परमात्मा का दर्शन होता है।।१३।। 🔆 *भूतसूक्ष्मेन्द्रियमनोबुद्धयादिष्विह निद्रया । लीनेष्वसति यस्तत्र विनिद्रो निरहंक्रियः ।।१४।।* 👉 अर्थात् _जो सुषुप्ति के समय निद्रा से शब्दादि भूतसूक्ष्म, इन्द्रिय और मनबुद्धि आदि के अव्याकृत में लीन हो जाने पर स्वयं जागता रहता है और सर्वथा अहंकार शून्य है ।।१४।। 🔆 *मन्यमानस्तदाऽऽत्मानमनष्टो नष्टवन्मृषा । नष्टेऽह‌ङ्करणे द्रष्टा नष्टवित्त इवातुरः ।।१५।।* 👉 अर्थात् _(जाग्रत्-अवस्था में यह आत्मा भूत-सूक्ष्मादि दृश्यवर्ग के द्रष्टा रूप में स्पष्टतया अनुभव में आता है; किन्तु) सुषुप्ति के समय अपने उपाधिभूत अहंकार का नाश होने से वह भ्रमवश अपने को ही नष्ट हुआ मान लेता है और जिस प्रकार धन का नाश हो जाने पर मनुष्य अपने को भी नष्ट हुआ मानकर अत्यन्त व्याकुल हो जाता है, उसी प्रकार वह भी अत्यन्त विवश होकर नष्टवत् हो जाता है ।।१५।। 🕉️ *हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।* *हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥* 🕉️ 🚩 *समिति के सभी संदेश नियमित पढ़ने हेतु निम्न व्हाट्सएप चैनल को फॉलो किजिए॥*🙏⛳🚩 ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ *जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें* बहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन । तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वेत्थ परन्तप ॥ *सूर्यदेव भगवान जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*
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