काम की राजनीति
February 3, 2025 at 02:17 PM
झूठ: दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों को 9वीं में जानबूझ कर फेल किया जाता है ताकि छँट कर बच्चे आगे जायें जिससे 12वीं का रिजल्ट अच्छा दिखे।
असलियत: केजरीवाल सरकार से पहले 9th में लगभग 50% बच्चे ही पास होते थे, जबकि पिछले सात सालों से 60% से ज़्यादा बच्चे पास हो रहे हैं।
यही नहीं, जहाँ 2014-15 में दसवीं से बारहवीं तक के क्लास में कुल 4.32 लाख बच्चे थे, वहीं 2023-24 में इन क्लासेज में 5.37 लाख बच्चे थे।
इसके साथ ही सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की संख्या भी 865 से बढ़कर 914 हो गई।
अगर केजरीवाल सरकार को बच्चे छाँट कर नवीं से आगे भेजने होते तो सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की संख्या क्यों बढ़ाई जाती?
यही नहीं, अगर नवीं में ही फेल करके बच्चों को स्कूल से निकाल दिया जाता तो दसवीं से बाहरवीं में बच्चों की संख्या घटनी चाहिए थे, जबकि इन क्लासेज में एक लाख से ज़्यादा बच्चे बढ़ गए हैं !!
👍
1