दैनिक सुविचार 🌺🏵️😊🙋‍♂️
February 9, 2025 at 01:37 AM
9.2.2025 इस संसार में बहुत अन्याय होता है। सबके साथ होता है। किसी के साथ कम, और किसी के साथ अधिक होता है। *"चपरासी से लेकर राष्ट्रपति तक सबके साथ कभी न कभी, कहीं न कहीं, थोड़ा या अधिक, अन्याय अवश्य होता है।"* ऐसा कोई व्यक्ति संसार में दिखाई नहीं देता, जिस पर आज तक एक बार भी अन्याय न हुआ हो। *"कभी-कभी घर के सदस्य भी अन्याय करते हैं। कभी रिश्तेदार कभी मित्र कभी पड़ोसी कभी ग्राहक कभी व्यापारी कभी रेल यात्री कभी बस यात्री कभी कंपनी के अधिकारी और इसी प्रकार से अन्य लोग भी दूसरों पर अन्याय करते रहते हैं।"* जब अन्याय की घटनाएं होती है, तब लोग न्याय पाने के लिए न्यायालय की शरण में जाते हैं। परंतु आज के न्यायालय की स्थिति भी आप जानते ही हैं। यहां पर न्याय कहां मिलता है! *"लाखों करोड़ों मुकदमे न्याय की प्रतीक्षा में न्यायालय में पड़े हैं। न जाने उनका नंबर आएगा या नहीं? और आएगा भी तो कब आएगा? और जब नंबर आएगा, तब भी न्याय मिलेगा या नहीं, कुछ कह नहीं सकते।"* इसलिए पहली बात तो यह ध्यान में रखें, कि *"किसी के साथ झगड़ा करें ही नहीं। यदि कोई दूसरा व्यक्ति आपके साथ झगड़ा करने लगे, तो उससे बचने का प्रयत्न करें। फिर भी यदि कोई व्यक्ति आप पर थोड़ा बहुत अन्याय कर ही जाता है, और यदि सांसारिक न्यायालय में आपको न्याय मिलता हो, तो ले लीजिए।" "यदि न्यायालय में न्याय ठीक प्रकार से मिलता नहीं, समय पर मिलता नहीं। तो ऐसी स्थिति में फिर ईश्वर के न्यायालय में अपनी प्रार्थना लगा देनी चाहिए। अंतिम न्यायाधीश तो ईश्वर ही है। समय आने पर उसके न्यायालय में न्याय अवश्य होगा और बिल्कुल मुफ्त में होगा। वहां न्याय पाने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ता। बस धैर्य की आवश्यकता है। ठीक समय आने पर ईश्वर अपने न्यायालय में न्याय करेगा।"* यदि मन में बार-बार वही प्रश्न उठे, कि *"मेरे साथ अन्याय क्यों हुआ?"* तो इसका उत्तर यही है, कि *"प्रत्येक व्यक्ति कर्म करने में स्वतंत्र है। वह न्याय भी कर सकता है, और अन्याय भी। जैसी उसकी बुद्धि होगी, वैसा ही वह व्यवहार दूसरों के साथ करेगा।"* *"यदि वह दूसरों के साथ न्याय करेगा, तो अंतिम न्यायाधीश ईश्वर उसे सुख देगा। और यदि वह अन्याय करेगा, तो ईश्वर उसे अवश्य ही दंडित करेगा।" "ऐसा सोच कर अपने मन को शांत रखें। यथासंभव सुख शांति से जीने का यही उपाय है, और दूसरा कोई नहीं।"* ----- *"स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, निदेशक दर्शन योग महाविद्यालय रोजड़, गुजरात।"*
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