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February 4, 2025 at 04:46 AM
रावण के भय से त्रसित देवताओं ने हनुमानजी को प्रभु श्री राम के कार्य हेतु जाते हुए देखा और सहज शंकालु स्वभाव से देवताओं के मन में हनुमानजी के बल, बुद्धि व विशेष योग्यताओं को जांचने की बात आयी । उन्होंने आनन फानन में सर्पों की कुलदेवी माता सुरसा का आव्हान किया व उनसे विनयपूर्वक आग्रह किया कि हे माता इस वानर की परीक्षा लीजिए, जिससे यह तो पता चले कि प्रभु श्रीराम अब रावण को मारने जा रहे हैं अथवा अभी नरलीला में ही समय व्यतीत कर रहे हैं । हे माता हम देवता दुष्ट रावण के भय से देवलोक छोड़ कर कन्दराओं में छुप कर प्रभु द्वारा रावण वध की प्रतीक्षा कर रहे हैं ।। *राम राम जी*।।
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