पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी
January 25, 2025 at 04:02 PM
Communist वे हैं जो 24 मार्च, 1943 को भारत के अतिरिक्त गृह सचिव रिचर्ड टोटनहम ने टिप्पणी लिखी कि ''भारतीय कम्युनिस्टों का चरित्र ऐसा कि वे किसी का विरोध तो कर सकते हैं, किसी के सगे नहीं हो सकते, सिवाय अपने स्वार्थों के।''
** वे वही है "जो पाकिस्तान निर्माण के समय "पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगा रहे थे। जो आज तक JNU में भी जारी है।
** वे वही हैं जो चीन के साथ हुए युद्ध में भारत विरोध में खड़े रहे। क्योंकि चीन के चेयरमैन माओ उनके भी चेयरमेन थे ... इनका नारा था “दिल्ली दूर, पीकिंग नज़दीक”
** वे ही हैं जो आपातकाल के पक्ष में खड़े रहे।
** वे ही हैं जो अंग्रेजों के मुखबिर बने और आज भी उनके बिगड़े शहजादे (माओवादी) जंगलों में आदिवासियों का जीवन नरक बना रहे हैं।
** वे वही है, भारत छोड़ो आंदोलन के खिलाफ अंग्रेजों के साथ खड़े थे।
** वे वही है, मुस्लिम लीग की देश विभाजन की मांग का भारी समर्थन वामपंथी कर रहे थे। ये देगा छोड़ के पाकिस्तान गए मंत्री बनने .. लतिया के खदेड़े गए वहाँ से तो भाग के भारत आए और फिर थाली में छेद करना चालू कर दिए ...
** वे वही है, जिन्होंने आजादी के क्षणों में नेहरू को 'साम्राज्यवादियों' का दलाल घोषित किया, फिर नेहरु के द्वारा फेंके टिल्डा खाकर नेहरु - गांधी परिवार के चरम चम्पू भी बने
** वे वही है , communist लोगों ने कांग्रेस के गांधी को 'खलनायक' और जिन्ना को 'नायक' की उपाधि दे दी थी।
**Communist दलों में आंतरिक कलह, अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की पराकाष्ठा, पश्चिम बंगाल में राशन के लिए दंगा, देश की लगभग हर मुसीबत में विपरीत बातें करना, चरम पर भ्रष्टाचार, देशविरोधी हरकतें, विरोधी राजनीतिक कार्यकर्ताओं की सरेआम हत्या जैसे वाकयों को लेकर वामपंथ बेनकाब हो चुका है।
_______________
_______________
Follow the पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaaSx0uInlqJ2O8Y921P
👍
🙏
❤️
🎉
😢
42