🙏🌳जाभाणी आदर्श संस्था 🌳
February 13, 2025 at 04:25 AM
।।जीवदया पाळै हरा वृक्ष नी काटिये मंतव्य।। आज माघ सुदी पूर्णिमा विक्रमी संवत् 2081 बुधवार तदनुसार 12 फरवरी, 2025 को हमें दुख है कि इतनी अच्छी सोच वाली हरियाणा सरकार हम पे आश्रित निरीह वन्य प्राणी नर नीलगाय की हत्या की स्वीकृति देने का क्यों विचार कर रही है। हम भाजपा विरोधी नहीं है, बल्कि जीवहत्या का पुरजोर विरोध करते हैं। अतः हरियाणा सरकार जीवरक्षा की सोचकर अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें और अच्छे कर्म करें। कर्म जीवन पर भारी पड़ते हैं। एक विशेष काव्य रचनः *जीवन की कड़वी सच्चाई* जीवन की कड़वी सच्चाई है कि, मरने को थोड़ा सा ज़हर चाहिये। लेकिन जीने के लिये तो हरदिन, बहुत सारा विष पीना पड़ता है।। *जीव हत्य न करें पाप हैः* जीव दया पालन की है भावना, रूँख लीलो कभी नहीं घावना। हर प्राणी की कीजियो सुरक्षा, पर्यावरण हो हमें सम्भालना।। है मूक-निरीह प्राणी नीलगाय, दुष्ट लोग मारने आमादा थे ही। मारने को सरकार भी है तत्पर, हे ईश्वर ! दोऊं क्यों आमादा ही।। इनको मार कोई धन नी होगा, ईश्वर इच्छा बिन अन्न न होगा। पता नी किसका क्या उजाड़ै, प्राणी हत्याकर्म सहन न होगा।। कर्मों से डरें ईश्वर से कदै नहीं, ईश्वर माफ करद पर कर्म नहीं। कर्म कभी भी माफ़ नहीं करते, कर्मफल तो भोगे सरै हर कहीं।। अटल सत्य है कि जैसे बछड़ा, सौ गायों में अपनी मां पहचाने। उसी तरह कर्म निज कर्ता को, ढूंढ ही लेता है और है वो जाने।। सदगुरुश्री जम्भेश्वर की मानिये, आज नहीं तो कल कर्म जानिये। इसलिये कर्म उत्तम ही कीजिये, कर्मफल भोगना ज़रूर सोचिये।। पृथ्वीसिंह' प्रकृति से अन्याय है, पर्यावरण प्रेमी करते सहाय है। मनुष्य पर पड़ेगा भारी घणा है, ये स्वयं परमात्मा से अन्याय है।। © *कवि पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई* राष्ट्रीय सचिव, जेएसए, बीकानेर, राष्ट्रीय प्रैस प्रभारी, अखिल भारतीय जीवरक्षा बिश्नोई सभा, अबोहर जिला-फाजिल्का (पंजाब) वरिष्ठ लेखक, वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार, पूर्व सरपंच-सीसवाल, हॉउस नं. 313, सेक्टर 14 (श्री ओ३म विष्णु निवास) हिसार (हरियाणा)-125001 भारत
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