अमृत कथा
January 31, 2025 at 02:51 AM
गुरु जी ने बताया कि,,,,,,,,,,,,,,,,,
🌷ज्ञानी के मन मे और मुख में एक ही बात होती है,,,,,,,,,,,,,,,,।
🌷क्यों सोचते हो कि कोई साथ चलें , कोई बोले,,,राम जी की भक्ति तो अकेले ही अच्छी,,,,,,,,,,,,,,,,।
🌷अपने लिए जियें तो क्या जियें हम जियें सर्व के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,।
🌷अभी तक जो किया सो किया अब ज्ञान मिलने के बाद नए कर्म नही बनाना है,,,,,,,,,,,,,,,,।
🌷आसक्ति बंधन है प्रेम मुक्ति है,,,,,,,,,,,,,,,,।
🌷गधे से पूछा जीवन क्या है बोला बोजा ढोना,,,, बंदर से पूछा जीवन क्या है बोला उछल कूद,,, संत से पूछा जीवन क्या है तो बोले आनंद और मंगल,,,,,,,,,,,,,,,।
🌷जब तक इस शरीर मे जान है संसार के चलाने वाले को जान लेना है,,,,,,,,,,,,,,,,,।
🌷धरती , पानी , हवा , प्रकाश सब एक जैसी है ये हम पर निर्भर करता है हम कौनसा बीज उगाते है,,,,,,,,,,,,,,,,।
🌷शुक्र मनाए हम की हमें गुरु मिले उन्होंने हमें प्रेम का मुक्ति का बीज डालना है जीवन रूपी फसल के लिए ये बता दिया ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,।
🌷शुक्राने सतगुरु जी के , हरि ॐ,,,,,,,,,,,,,,,,,।
🙏
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