अमृत कथा
February 3, 2025 at 01:58 AM
गुरु जी ने बताया की,,,,,,,,,,,,,,,,,
🍄🟫 हर समय भगवान की रजा में राजी रहना है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
🍄🟫 हर समय शुक्रगुजारी में रहना है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
🍄🟫 अपनी इच्छा परमात्मा की इच्छा से मिला लेनी है
🍄🟫 अपने मन को दूसरों की गलती की वजह से दुखी नहीं करना है,,,,,,,,,,,,,,,,
🍄🟫 अपने जीवन रूपी रथ पर गुरु को बिठा देना है,,,,,,,,,,,,,,,,
🍄🟫 अपने मन और इंद्रियों को वश करके परमात्मा में लव लीन होना है,,,,,,,,,,,,,,,
🍄🟫 इच्छा मात्रम अविद्या क्योंकि इच्छा पूरी हुई तो लोभ , ना पूरी हुई तो क्रोध आता है ,,,,,,,,,,,,,,,
🍄🟫 क्रोध में बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है,,,,,,,,,,,,,,,,
🍄🟫 अपनी इच्छा दूसरों पर नहीं ठोपनी है,,,,,,,,,,,,,,,,,,
🍄🟫 राग द्वेष रहित व्यक्ति बैरागी, त्यागी होता है,,,,,,,,,,,,,,,,
🍄🟫 ना राग ना द्वेष,गुरु मध्यम रास्ता दिखाते हैं वह है प्रेम का मार्ग,,,,,,,,,,,,,,,
🍄🟫शुक्राने सतगुरु जी के, हरि ॐ,,,,,,,,,,,,,,,,,
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