शिक्षक समूह
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March 1, 2025 at 02:42 AM
*सेवा सुरक्षा नियम गारंटी....हरियाणा के 1.20 लाख कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी मिलेगी:सरकार ने नियम बनाएं; मंजूरी के लिए फाइल CM सैनी के पास पहुंची, नोटिफिकेशन जल्द* *हरियाणा सरकार के 1.20 लाख अस्थायी कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी देने के लिए नियम बनेंगे। इस महत्वपूर्ण फैसले को लेकर सरकार ने सीनियर आईएएस अधिकारियों की कमेटी गठित की थी। कमेटी ने कई बैठकें करने के बाद नियमों का मसौदा तय कर मुख्य सचिव अतुल अग्रवाल भेजा गया था। मुख्य सचिव ने ये नियम मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पास मंजूरी के लिए भेज दिए हैं। मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने के बाद नियम नोटिफाई हो जाएंगे। इन नियमों से स्पष्ट होगा कि आऊटसोर्सिंग पालिसी पार्ट एक के तहत लगे अस्थायी कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी मिलेगी।* *अभी सरकार ने जो एक्ट नोटिफाई किया है, उसमें कहीं पर भी आऊटसोर्सि पालिसी पार्ट एक का जिक्र नहीं है। इसलिए काफी विभागों के अफसरों ने उन कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी नहीं दी है, जो आऊटसोर्सिंग पालिसी पार्ट एक के तहत लगे हैं। मगर वे हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRNL) में पोर्ट नहीं हुए हैं और विभाग, बोर्ड, निगम में ही कार्यरत हैं।* *नए नियमों में आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट एक का भी जिक्र* *अब नियमों का जो मसौदा अधिकारियों ने तैयार किया है, उसमें स्पष्ट किया है कि अस्थायी नौकरी पर कार्यरत वे कर्मचारी भी हैं, जो आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट एक के तहत लगे हुए है। हालांकि अधिनियम में भी लिखा हुआ है कि कोई भी अस्थायी कर्मचारी, जिसके 15 अगस्त, 2024 को पांच साल हो गए हैं और उसका वेतन 50,000 रुपए से कम है, उन्हें जॉब सिक्योरिटी मिलेगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस और जनसभाओं में कहा है कि आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट एक, आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट दो और हरियाणा कौशल रोजगार निगम में लगे निगम में पोर्ट नहीं किया है।* *नियमों में 'कांट्रेक्चुअल इंप्लाइ' का ये मतलब* *नियमों का जो मसौदा तैयार किया है, उसमें अस्थायी कर्मचारियों को 'कांट्रेक्चुअल इंप्लाइ की परिभाषा में यूं स्पष्ट किया गया है। 'कांट्रेक्चुअल इंप्लाइ' यानी 'एग्रीमेंट कर्मचारी' से तात्पर्य उन व्यक्तियों से है जो पूर्णकालिक आधार पर एग्रीमेंट पर काम कर रहे हैं और आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट एक या पार्ट दो के तहत या हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के माध्यम से सीधे संबंधित विभाग द्वारा तैनात हैं।* *सरकारी संस्थान की परिभाषा में ये नियम* *सरकारी संस्थान (संगठन) की परिभाषा में भी फिर स्पष्ट किया गया है। सरकारी संगठन (गवर्नमेंट आर्गनाइजेशन) का मतलब किसी विभाग, बोर्ड, निगम या प्राधिकरण से है, जिसके अधीन पात्र संविदा कर्मचारी (एलिजिबल कांट्रेक्चुअल इंप्लाइ) अधिनियम (हरियाणा इंप्लाइज सिक्योरिटी ऑफ सर्विस) के लागू होने की तिथि को काम कर रहा था। सभी बोर्ड निगम संस्थाएं, विश्वविद्यालय सहकारी बैंक समितियां (हरियाणा सरकार के नियंत्रण में) जहां आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट एक और पार्ट दो, समय-समय पर संशोधित को अपनाया गया था और कर्मचारियों के पदों की शर्तों के साथ वित्त विभाग से मंजूरी प्राप्त की गई थी, वे 'सरकारी संगठन' परिभाषा के अंतर्गत आते हैं।* *सर्विस ब्रेक होने के बाद ये होंगे नियम* *अगर किसी कर्मचारी ने किसी विभाग में तीन साल काम किया है और उसे 240 दिन का वेतन मिला है मगर चौथे साल में ब्रेक के कारण उसे 240 दिन का वेतन नहीं मिला है, मगर पांचों और छठे साल में 240 दिन का वेतन मिला है तो उसको पांच साल की सर्विस गिनी जाएगी। वह जॉब सिक्योरिटी का भी पात्र होगा। इसी तरह अपर एक कर्मचारी ने एक विभाग में चपरासी की तीन साल नौकरी की और 240 दिन का वेतन प्राप्त किया है मगर बाद में वह हट गया तो उसके तीन साल पूरे माने जाएंगे* *इसके बाद कर्मचारी फिर से छठे और सातवें वर्ष में उसने 240 दिन का वेतन हासिल किया है तो उसके पांच साल पूरे माने जाएंगे।*
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