
Karmyogi
February 23, 2025 at 09:37 AM
जिन हिन्दू सेक्युलर कीड़ों को लगता है
कि मुसलमान क्रूर नहीं था, वो ताजा तरीन जिंदा आंखों से ये दृश्य देखें।
हमास ने इजरायल को इन दो बच्चों कफ़िर, एरियल और उनकी माँ शिरी का शरीर लौटाया।
यह मासूम बंधक बनाए जाते समय ठीक थे, इनकी हत्या मुस्लमान आतंकियों ने कैप्टिविटी के दौरान की थी- लौटाने से पहले हमास ने इनके शरीर का परेड निकाला, इसको 'सेलीब्रेट' करने के लिए हजारों लोग एकत्र हुए।
अब आप जानते हैं इजरायल किस बर्बर मानसिकता वालों से विगत हजारों वर्षों से लड़ रहा है। भारत में कुछ फ्लाॅप एक्टर-एक्ट्रेस इसी औरंगजेब जैसी विचारधारा का समर्थन करते हैं जब वह हमास के पिशाचों को स्वतंत्रता सेनानी बताते हैं।
आक्रमणकारियों मुसलमानों ने भारत में कैसे शासन किया होगा यह कोई फिल्म भी सटीकता से नहीं बता सकती, इसके लिए वर्तमान के दृश्य ज्यादा प्रासंगिक हैं।
ISIS द्वारा यज़ीदी लड़कियों को सेक्स स्लेव बनाना मात्र दस साल पुरानी बात है। तालिबान का महिलाओं के खिलाफ़ जेंडर अपार्थेड 2025 में चल रहा है। हमास का मासूम यहूदी बच्चों व महिलाओं के खिलाफ़ हिंसा तो मात्र डेढ़ साल पुरानी घटना है।
जो वोक-लिबरल इन प्रत्यक्ष चरमपंथी घटनाओं को एकनाॅलेज नहीं करते, बल्कि ग्लोरिफाई करते हैं उन्हें 'छावा' जैसी फिल्मों से समस्या होना लाजिमी है।
हमास के इस पैशाचिक कृत्य ने 'फिलीस्तीनी काॅज' के पक्ष को कमजोर कर दिया है, जो अब तक अनडिसाइडेड थे वह भी इजरायल की विवशता को महसूस कर रहे हैं। इजरायल मस्ट एलिमिनेट हमास टेररिस्ट्स वन्स फाॅर ऑल।
इन निर्दोष यहूदी बच्चों और उनकी माता के साथ जो हुआ वह अत्यधिक डिस्टर्बिंग है जिसने इजरायल के जख्मों को ताजा कर दिया है..
पूरी दुनिया से सिर्फ एक सवाल..
क्या इनको अपना जीवन जीने का हक नहीं था..

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