
Karmyogi
February 24, 2025 at 05:33 AM
साल 2004..
बेसलान के स्कूल में
इस्लाम के आतंकीयों का बहुत बड़ा हमला हुआ था ...
इस हमले से पूरी दुनिया भयभीत हो गई थी...
यहां चेचन्या के 32 आतंकियों ने
तीन दिनों तक स्कूल को घेरे रखा
इस घटना में 330 से ज्यादा लोग मारे गए...
जिसमें ज्यादातर बच्चे थे
आतंकियों ने स्कूल के पहले दिन
आयोजन समारोह में आए 1200 शिक्षकों,
छात्रों और अभिभावाकों को बंदी बनाकर रखा...
ये आधुनिक युग का सब से बड़ा दिल दहलाने वाला बच्चों का सेक्शुअल नरसंहार था...
जो इतना दर्दनाक था कि पूरी दुनिया आतंकी दरिंदे मुसलमानों द्वारा किए गये इस कृत्य पर सन्न रह गयी...
भारत की महा भ्रष्ट मीडिया की क्या कहें..
पूरी दुनिया के न्यूज़ में
इस नरसंहार की कहानी पूरी नहीं आने दी गयी..
बेसलान के एक बच्चों के स्कूल में अचानक
मुस्लिम हमलावरों ने इतिहास का सब से घिनौना हमला बोला..
इस हमले में जो मुसलमानों ने किया
वो आज तक..
किसी भी मीडिया ने बोलने की हिम्मत नही दिखाई...
अंदर घुसते ही जो भी स्कूल के अंदर पुरुष थे
उनको तुरंत ही मार दिया गया
ताकि किसी तरह के प्रतिरोध की संभावना ना रहे..
इसके बाद जैसे ही इनकी नज़रें डरी हुई और बेसहारे स्कूल की छोटी बच्चियों पर गयीं..
इनकी आँखों मे वासना उभर उठी..
इनके अंदर का शैतान जाग उठा..
बेसलान स्पष्ट रूप से एक यौन हत्या थी
मुसलमान इस स्कूल में
आतंकवाद से भी ज़्यादा की दरिंदगी दिखाना चाहते थे...
अल्लाह के बंदे सेक्स हत्यारों ने
अब सभी छोटी छोटी बच्चियों की तरफ देखा..
उन सबको अंदर बने एक जिम हॉल में ले गये
इसके बाद छोटी छोटी बच्चियों की चीखती आवाज़ें इनके ज़ुल्म के आगे दब कर रह गयी..
अपने ही सारे दोस्तों के सामने अपमानित होती रही
बारी बारी से ३ साल ५ साल की एक-एक बच्ची के साथ कई-कई मुसलमानों ने बलात्कार किया..
ना सिर्फ़ मुस्लिम हैवानों ने बलात्कार किया
बल्कि बच्चों के गुप्तांगों में
अपनी बंदूकों और अन्य वस्तुओं को...
दूसरे सारे बंधक बच्चों को
ये सब देखने को मजबूर किया गया
और आतंकवादी हंसते रहे..
जितना बच्चों के गुप्तांगों से खून निकलता..
मुसलमान उतनी ही ज़ोर से हंसते..
बहुत सारी छोटी छोटी बच्ची बच्चियां
ज़्यादा ब्लीडिंग की वजह से वहीं उसी वक़्त मर गयी..
रेप करने के दौरान दरिंदे वीडियो शूट भी कर रहे थे.. खून से फर्श लाल हो गया था...
लड़कियाँ इस रेप और हथियार के गुप्तांगों में डालने की वजह से खून से सन गयीं..
जिस्म से इतना खून निकला
कि तत्काल चिकित्सा नहीं होने की वजह से
चीखती मासूमों ने वहीं दम तोड़ दिया..
इस सब के बाद भी मुसलमानों का दिल नहीं भरा था, मुसलमानों ने छोटे छोटे बच्चों को पीटना शुरू किया..
बुरी तरह पीटा..
वास्तव में..
पिटाई तो वो शुरू से ले कर अंत तक करते रहे
इस दौरान मुसलमान खुश होते.. हंसते..
आतंकवादियों ने बच्चों को खूब लहू लुहान किया.. और खूब ठहाके लगाए..
जैसे जैसे समय बीता
मुसलमानों के ज़ुल्म और बढ़ते गये..
जब बच्चों ने प्यास के मारे पानी माँगा
तो वो लोग हँसने.. मज़ाक उड़ाने लगे..
उस दिन मौसम भी अजीब था
बाहर जबरदस्त गर्मी थी और अंदर के उस हॉल में एयर कंडीशनर भी काम नहीं कर रहा था..
बच्चे प्यास से तड़प रहे थे..
पानी माँग रहे थे
पीड़ित बच्चों की हालत उस वक़्त और बुरी हो गई
जब उन दरिंदों ने
बच्चों को अपना पेशाब पीने पर मजबूर किया !!
कुछ मामलों में तो बंधकों के ऊपर ही पेशाब किया !!
आतंकवादियों ने एक गेम खेला.. बच्चों के सामने
जो बहुत ही ज़्यादा प्यासे थे
उनके सामने पानी के बर्तन को रख दिया और कहा
जो इसको पीने आएगा उसको मैं गोली मार दूँगा !!
जब बच्चों ने पूछा..
क्या वो रेस्ट रूम मे जा कर पानी पी सकते हैं
तो उस मे से एक आतंकी मुस्लिम ने कहा..
हम तुम्हारे अंकल नही बल्कि जिहादी हैं और तुम्हे मारने आए हैं..
इसके बाद बच्चों मे अपनी मौत का ख़ौफ़ समा गया, खुद के ज़िंदा बच पाने की उम्मीद ख़त्म हो गयी..
बच्चे डर कर चिल्ला भी नहीं पा रहे थे
क्योंकि ऐसा करने पर उनको मारा जाता, पीटा जाता..
बच्चों को डर था..
अगर वो चिल्लाएँगे तो ये लोग उनको गोली मार देंगे
अब तक स्कूल के बाहर भीड़ लग चुकी थी..
आतंकी अंदर से खड़े हो कर
नगरवासियों पर कॉमेंट करते.. अंडे फेंकते.. हंसते.. और ये सब रात तक चलता रहा
बच्चों के ऊपर इनकी क्रूरता जारी रही,
रात को इन्होनें बच्चों को ही कहा
कि वो नंगे.. बलात्कार किए हुए.. मर चुके..
बच्चों की लाशों को उठा कर के पीछे फेंक कर आयें
इस बीच रशियन सैनिकों ने स्कूल को घेर लिया था..
समझौते की कोशिशें जारी थी
सैनिकों ने आतंकवादियों से खाना खाने के लिए फूड देने की बात की पर आतंकियों ने इनकार कर दिया..
क्योंकि उन्हें उसमे ज़हर होने का डर था
इस बीच रूस की सब से अच्छी फोर्स Alpha and Vympel (Russia Special forces) आ चुकी थी
आतंकियों ने साफ कर दिया था..
अगर गैस का इस्तेमाल हुआ या बिजली काटी गयी
तो वो बच्चों को तुरंत मार देंगे
इस्लामिक आतंकवादियों ने फोर्स के पहले की सारी कारवाई की छानबीन कर ली थी..
वे थकान और नींद भगाने वाली दवाई amphetamines लाए थे
रूसी विशेष बलों ने विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हुए स्कूल पर हमला कर दिया
टैंक से .. बंदूक से ... विस्फोटक से..
हर तरह से हमला किया गया
स्पेशल फोर्स के कमांडो भी जान पर खेल गये..
लेकिन उस अभागे दिन
रक्तपात को छोड़ कर और कुछ हासिल नही हो पाया
330 लोग मारे गये
जिसमें से 180 छोटे छोटे मासूम बच्चे थे
बच्चों को गोली मार दी गयी थी
247 बच्चे जो गंभीर रूप से घायल थे उनको इलाज के तुरंत बाद सर्जरी के लिए मास्को भेजा गया
फोर्स के भी कई सैनिक मारे गये थे
3 दिनों तक बंधक बच्चों पर ये ज़ुल्म ढाते रहे थे..
अंत में चारों तरफ बच्चों की लाशों को देख कर
उनके माँ बाप की चीख पुकार और रोने की आवाज़ से पूरा इलाक़ा दहल उठा..
जो बच्चे स्कूल से निकल रहे थे
सब खून से सने हुए थे..
लाशों के ढेर लगे थे..
इस्लाम ने सबकी खुशियाँ छीन ली

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