
Aditya Vahini - Anand Vahini
February 20, 2025 at 11:10 AM
*शिक्षा, रक्षा, अर्थ, सेवादि के प्रकल्पों को वैदिकमहर्षियों द्वारा चिर परीक्षित और प्रयुक्त विधासे क्रियान्वित करने पर भव्यभारत की संरचना सम्भव है। स्वतन्त्रता के प्रयोजन की सिद्धि भी इसी प्रकार सम्भव है।*
-: श्रीमज्जगद्गुरु शङ्कराचार्य, पुरी

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