
A B JainNews जैन न्यूज़ चैनल
February 26, 2025 at 10:14 AM
*धीरे-धीरे फिर सूना होता जा रहा है चंद्रगिरि तीर्थ।*
*नजरें "जिनको" खोजती थीं, "वह" कहीं नजर नहीं आने से, भक्तों की आंखें नम।*
मुनिसंघों, आर्यिका संघों के भी हो रहे अब मंगल विहार।
- अनिल बड़कुल
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_पिछले लगभग 2 महीने से चल रही मंगलमयी गहमा-गहमी अब मद्धिम होने लगी है। पूज्य गुरुदेव का प्रथम समाधि स्मृति दिवस हेतु कभी कोई निर्यापक श्रमण मुनिसंघ तो कभी कोई आर्यिका संघों के लगातार आने की खबरों से चंद्रगिरि तीर्थ, एवम पूज्य आचार्यश्री जी के समाधिस्थल पर अत्यन्त भक्तिपूर्ण वातावरण चल रहा था। बड़ा सानिध्य होने से देश भर से भक्तों के आने का सिलसिला भी जारी था । सभी की आंखें पूज्य गुरुदेव को खोजती सी लगती थी पर झुकी पलकें नम आँखें बताती थी अब हमारे "भगवन" नहीं हैं। आने बाले दिनों में यहाँ साधु संघों की इतनी उपस्थिति देखने नहीं मिलेगी।_
_कल 25 फरवरी को पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समता सागर जी ससंघ, निर्यापक श्रमण मुनिश्री वीर सागर जी ससंघ, मुनिश्री पवित्र सागर जी ससंघ का मंगल विहार यहाँ से हुआ था अब चर्चा है आर्यिकाश्री गुरूमति माताजी ससंघ, आर्यिकाश्री दृढमति माताजी ससंघ एवम अन्य लगभग 40-50 माताजियो के आज ही मंगल विहार होने की चर्चा है। पूज्य मुनि श्री आगम सागर जी , मुनिश्री पुनीत सागर जी, ऐलक धैर्य सागर जी, ऐलक श्री स्वागत सागर जी एवम आर्यिकाश्री आदर्शमति माताजी सहित कुछ आर्यिका संघ अभी विराजमान हैं।_
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*अनिल जैन बड़कुल, ए बी जैन न्यूज़*
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