Ashok Singhal
February 25, 2025 at 03:10 AM
जै गिरिधर जै जै सुख सागर ।
सुर-समूह-समरथ भटनागर ॥
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले ।
बैरिहि मारु बज्र की कीले ॥
#jaibajrangbali 🙏🏼

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