Kshatriya Voice - क्षत्रियों की आवाज़
February 18, 2025 at 10:50 AM
कांगड़ा कटोच क्षत्रियों का राज्य था, जो महाजनपद काल में त्रिगर्त के नाम से विख्यात था, 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व के महाजनपद काल से आज तक कटोच क्षत्रियों की बसावट उसी क्षेत्र में पाई जाती है। आज उसी कटोच वंश के प्रज्वत्सल शासक महाराजा संसार चंद कटोच का जन्मदिवस है। राजा संसार चंद जालंधर-त्रिगर्त के पुराने साम्राज्य की स्थापना का सपना देखते थे , जिस पर उनके पूर्वजों का कभी कब्ज़ा था। महाराजा संसार चंद कटोच का जन्म 1765 ई. में बीजापुर तहसील के पूर्वी गांव जयसिंहपुर कांगड़ा में हुआ था। वे महाराजा टेकचंद कटोच के सबसे बड़े पुत्र थे। अपने सैन्य अभियानों के अलावा, महाराजा संसार चंद कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए भी जाने जाते थे। वह एक महान कला प्रेमी थे और संगीत, नृत्य और साहित्य में उनकी गहरी रुचि थी। अपने शासनकाल के दौरान, उन्होंने कई मंदिर और महल बनवाए और अपने दरबार में एक चित्रकला विद्यालय भी स्थापित किया, जिसे कांगड़ा चित्रकला विद्यालय के नाम से जाना जाता है । कांगड़ा चित्रकला विद्यालय को अब भारतीय लघु चित्रकला के सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली विद्यालयों में से एक माना जाता है। इसी कारण महाराजा संसार चंद जी के शासनकाल को “कांगड़ा का स्वर्ण युग” कहा जाता है। संसार चंद को कांगड़ा चित्रकला शैली से बहुत लगाव था, जिसकी उत्पत्ति कटोच राजवंश की गुलेर शाखा से हुई थी। अपने शासनकाल के दौरान, उन्होंने कांगड़ा शैली के विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, जिससे यह क्षेत्र में चित्रकला की सबसे प्रमुख शैली बन गई। उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान 40,000 से अधिक कांगड़ा पेंटिंग बनवाईं , जो आज भी अपनी सुंदरता और शालीनता के लिए प्रशंसित हैं। https://www.facebook.com/share/p/1ACK9xYRgk/
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