Kshatriya Voice - क्षत्रियों की आवाज़
February 19, 2025 at 07:54 AM
शिवाजी राजे भोंसले और महाराजा छत्रसाल बुंदेला दोनों ही समकालीन थे दोनों की लड़ाई औरंगजेब के विरुद्ध अपना स्वतंत्र राज्य बनाने की थी किंतु शिवाजी के लिए एक तरफ भौगोलिक परिस्थितियां अनुकूल थी तो दूसरी तरफ जयपुर के कुशवाह ठाकुरों का उन्हें अप्रत्यक्ष संरक्षण भी प्राप्त था।
इसके विपरीत महाराजा छत्रसाल बुंदेला को न ही किसी का संरक्षण प्राप्त था न ही भौगोलिक परिस्थितियां उनके अनुकूल थी न मा की गोद थी न सिर पर पिता का साया फिर भी वो दस साल का निराश्रित वीर बालक केवल 25 पैदल सिपाहियों को लेकर मुग़ल साम्राज्य के सीने पर चढ़कर अपना राज्य छीन लेता है. और उस क्षेत्र में कला,संगीत, निर्माण का स्वर्णिम काल लाता है, प्रणामी जैसे संप्रदायों को संरक्षण देता है। लेकिन एक भी कथित हिंदुत्व का पुरोधा उन्हें स्मरण करना तो छोड़िए उनका नाम तक इस डर से नहीं लेता कि कहीं उनके प्रताप के आगे कहीं कुछ धूमिल नायकों की चमक न धूमिल पड़ जाए।
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