⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
February 28, 2025 at 08:48 AM
*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८१/फाल्गुन/शु./१.-१७१६०* *┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈* https://t.me/+byRLQE4DlRQ1ZmM9 💠 *दुधारू गौ की परीक्षा* 💠 *पीठ पर से देखना* पीठ पर से नीचे देखने से भी पेट का आकार और पुढे दिख पड़ते हैं। पुड्डा एकदम उतारदार न हो। यदि दुहती गाय खरीदी जाय तो बिना अन्तर दिये तीन-चार बार स्वयं दूध निकालकर देख लेना चाहिये। दूध निकालते समय पात्र में धार गिरने का जो शब्द होता है, उसके द्वारा भी गाय दुधारू है या नहीं, इसकी परीक्षा होती है। थन में यदि दूध अधिक होगा तो पात्र में धार के गिरते समय जोर से शब्द होगा। यदि दूध अधिक न हुआ तो धार पतली होगी और शब्द भी धीमा ही होगा। पाञ्चात्य-पद्धति से गौ की परीक्षा करने की एक और रीति है। १. पीठ पर से देखने पर गाय का शरीर गले से पीछे की ओर दोनों तरफ चौड़ा होता चला गया ही तो यह लक्षण अच्छा है। ऐसी गाय के उदर तथा पाकाशय का पूर्ण विकास हुआ समझा जाता है। वह भरपूर खा सकती है और पचा भी सकती है। २. बगल से देखने पर गाय के गले से पूँछ तक का भाग चढ़ता और गल कम्बल से थन तक का भाग उत्तरता हुआ चला गया हो। ऐसी गाय का थन बड़ा होता है और उसमें दूध भी भरपूर होता है। उसी प्रकार गर्भाशय में गर्भ के विकास के लिये पर्याप्त स्थान मिल जाता है और उससे बच्चा बलवान होता है। ३. सामने से देखने पर दोनों तरफ गौ का शरीर ऊपर से नीचे की और चौड़ा होता हुआ दिख पड़े। इससे गौ के फुफ्फुस और हृदय पूर्ण विकसितं तथा बलिष्ठ हुए समझना चाहिये। सारांश यह कि ऊपर से, बगल से अथवा सामने से किसी ओर से भी देखने पर गौ का शरीर सब ओर से तिहरे पचार (Triple Wedge) की तरह (एक ओर से दूसरी ओर बारीक होता हुआ) दिखायी देना चाहिये। उसका यह आकार जितना पूर्ण होगा, उतनी ही वह अधिक दुधारू होगी।✅🙏 ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ *जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें* ब्रह्मार्पणं ब्रह्म हविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्। ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्मसमाधिना ।। *माता महालक्ष्मी देवी जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*
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