पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी
February 22, 2025 at 02:46 AM
हमने "अहिंसा और मानवतावादी" ढकोसलों के कारण “अखंड भारत” की लगभग 43 लाख वर्ग किलोमीटर भूमि और आधी आबादी को खो दिया.. 1947 में बंटवारे में लाखों हिन्दू मारे गए थे, करोड़ों लोग बेघर हो गए थे, लाखों माताओं और बहिन बेटियों की इज्जत लुटी गयी और हिन्दुओं से छीन ली गयी.. देश के लोग - इन सारी घटनाओं से “अनभिज्ञ” इस लिए रह गये कि – ये सारी घटनाए - आज के पाकिस्तान की धरती पर की गयी थी, वहां से विस्थापित हिन्दू – भारत में घुसते ही तो बिलकुल सुरक्षित हो जाते थे। ज्यादातर ऐसी घटनाएं आज के पाकिस्तान के गाँव देहात के इलाकों में ज्यादा हुई थी। 1947 के बंटवारे में – 23% मुसलमानों को 31% प्रतिशत भूमि दे दी गई शेष भारत भी अब सुरक्षित न रहा है,अब तो हर रोज “अरबी गुलामों” से संघर्ष होता है। देश के सीधे साधे लोगों को आज भी ये मालुम नही कि – उस समय क्या कुछ हुआ था और कोंग्रेस ने उस समय क्या क्या किया था.. --------- अपनी आबादी के अनुपात से - अधिक भूमि लेने के बाद भी - कुल 9 करोड़ में से 3 करोड़ मुसलमान भारत से पाकिस्तान गए ही नहीं.. हम आज पुनः 1947 के दोराहे पर आकर खड़े हो गए हैं हमसे टूटा हुआ हिस्सा “इस्लामिक देश” बन गया और भारत “धर्मशाला” बन गया, 80-85 प्रतिशत हिन्दुओं के राष्ट्र में “मस्जिद और मदरसा” महत्वपूर्ण हो गए जबकि “मंदिर और मठ” का नाम लेना भी “साम्प्रदायिक” हो गया 75 साल के भीतर ही - मुसलमान फिर से “एक देश” लेने की स्थिति में पहुंच गए। जहाँ मुसलमान अपने लिए "अलग राष्ट्र" की मांग कर रहे हैं, और कम्युनिस्ट आदि तत्व भी भारत के टुकड़े करने का दुस्साहस करने लगे.. देश और हिन्दू विरोधियों और घुसपैठियों को मिलाकर - आज ये 40% हो गए हैँ. 1946 में जब ये - मुसल्ले 8% थे तब हिंदुस्तान मे “डायरेक्ट एक्शन डे” मना लिया गया था.. साँप को उपदेश दो या उसकी चापलूसी करो, बदले में वह विष ही देगा। साँप को दूध पिलाओ या उसे अपना मित्र बना लो, वह तो विष ही देगा, वह केवल विष ही दे सकता है, उसके पास देने को - केवल विष ही है। इस लिए गलतफहमी मे मत जीयो, सिर्फ एक - “कट्टरता” - ही तुम्हारे “अस्तित्व” को बचा सकती है. और कोई “चमत्कार” भी इनके “बढ़ते आंकड़े” को कम नही कर सकता.. आँखे बंद कर लेने से - सवाल का जवाब - बदल नही सकता .. जिस तरह से मौत एक सच्चाई है - उसी तरह से - इनकी “जनसंख्या” भी तुम्हारे लिए मौत ही है... “खतरा” ज्यों का त्यों - आज भी तैयार खड़ा है। ------- लोभी-लालची हिन्दुओं तुम्हे पता क्या है -?- पुरानी बाते -तुम्हे नही पता तो अब, अब पता करो कि – तुम्हे भागकर जाना कहां है -?- -------- साभार मित्रगण – संकलन और संसोधन गिरधारी भार्गव 🖋️━━━━✧❂✧━━━ Join :- टेलीग्राम चैनल👇 https://t.me/pushpenra1
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