अमृत कथा
February 24, 2025 at 02:28 AM
*अमृत कलश* 🙏🙏 *"शिवरात्रि-महापर्व का महात्म्य"*🙏🙏 *माता पार्वती नें भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त के लिए कठोर तपस्या की थी।* *शिव पुराण के मुताबिक, उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर "देवों के देव महादेवजी" ने फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को उनसे विवाह किया।* *इसलिए इस दिन को "शिव और शक्ति" के मिलन का शुभ दिन माना जाता है।* *पौराणिक कथाओं में यह भी प्रचलित है कि शिवजी नें इसी दिन वैराग्य छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था और माता पार्वती से विवाह किया था।* *इसी कारण से इस तिथि पर "महा शिवरात्रि का पर्व" मनाया जाता है।* *इस दिन की विशेषताएं:* *इस दिन भगवान शिव की विशेष "पूजा-आराधना" की जाती है, भगवान शिव का विशेष "अभिषेक" किया जाता है तथा भगवान शिव की "बारात" भी निकाली जाती है।* *इस दिन "शिव कृपा" पाने के लिये व्रत किया जाता है।* *इस दिन पूजा कर, रात्रि जागरण भी किया जाता है।* *शिवरात्रि के दिन, दिन-रात शिवजी की विशेष पूजा और विशेष अभिषेक किया जाता है।* *आखिर क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि?* *माता पार्वती नें भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी।* *शिव पुराण के मुताबिक, उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर "देवों के देव महादेव" नें फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को उनसे विवाह किया था।* *इसीलिए शिवरात्रि की तिथि पर, भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है तथा शिवजी की बारात भी निकाली जाती है।* *इस दिन को "शिव और शक्ति" के मिलन का शुभ दिन भी माना जाता है।* *पौराणिक कथाओं में यह भी प्रचलित है कि इसी दिन शिवजी नें वैराग्य छोड़कर माता पार्वती से विवाह करके गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था।* *इसी कारण से महा शिवरात्रि पर भक्त जन अपनी भक्ति और श्र्द्धा प्रकट करने के लिये इस पर्व को अति उत्साह से मनाते हैं।* *शिव पुराण में महाशिवरात्रि के महात्म्य के बारे में बताया गया है कि, यह त्यौहार भारत वर्ष के आध्यात्मिक उत्सवों की सूची में सबसे अधिक महत्वपूर्ण त्यौहार है।* *"परम-तत्व" (ईश्वर से मिलन) की चाहना रखने वाले साधकों के लिये शिवरात्रि "कल्प-तरु के समान लाभदायक है।"* *इस दिन मनुष्य को आध्यात्मिक शिखर तक पहुंँचने का सर्वश्रेष्ठ अवसर मिलता है।"* *यह पर्व सांसारिक महत्वाकांँक्षाओं, कामनाओं की पूर्ति कराने वाला तथा शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला भी, अत्यधिक लाभप्रद दिवस है।* *"शिवरात्रि से बढ़कर कोई दूसरा व्रत नहीं है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा मिलती है।"* *इस दिन भगवान शिव की पूजा विधि-विधान से करने से, जीवन के कष्ट दूर होते हैं और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है तथा विवाह से सम्बंधित बाधाएंँ दूर होती हैं।* *"शिवजी का अभिषेक"- वैदिक मंत्रों और ""सामग्रियों"" से विधि पूर्वक सम्पन्न हो जाय इसके लिये किन्ही विद्वान कर्मकांडी ब्राह्मण देवता का वरण करना चाहिये।* *इस वर्ष शिवरात्रि का पर्व, अंग्रेजी तिथि के अनुसार दिनाँक 26 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा।* *अधिकाँश मतों के अनुसार शिवजी की पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय ""निशीथ काल"" होता है।* *दिनांक 26 फरवरी की रात में "निशीथ काल"-* *"रात 12 बजकर 09 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा।"* *"शिवरात्रि पर्व को मनाने की विशेष बातें:-* *इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा के रूप में, शिवजी का शास्त्रीय विधि से-- ""विशेष अभिषेक किया जाता है।""* *इस दिन शिव-कृपा प्राप्त करने के लिये दिन में व्रत किया जाता है उसके बाद रात्रि में पूजा (अभिषेक) करने के उपरांत-""फलाहार ले कर रात्रि-जागरण करते हुए-भजन कीर्तन करने का विधान है।""* *एक अन्य कथा के अनुसार-* *फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पहली बार भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे।* *इसी तिथि पर भगवान शिव का ""निराकार से साकार रूप में अवतार भी हुआ था।""* *महाशिवरात्रि का दिन शिव भक्तों के लिये-* *"भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा प्रकट करने का एक विशेष अवसर माना जाता है".......* * 🙏🙏 *!! हर-हर महादेव !!*🙏🙏 Follow the अमृत कथा channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va9okzRDp2QHinYI7t42

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