
Rediscover India News
February 9, 2025 at 11:04 AM
*कुछ तो शर्म आनी चाहिए सरकार और जनप्रतिनिधियों को?*
*@री डिस्कवर इंडिया न्यू्ज इंदौर*
*क्यो कहते हो नर्मदा और क्षिप्रा नदी को माँ?*
*शर्म से डूब मरना चाहिए जो लोग महेश्वर, मंडलेश्वर और खलघाट जैसे पावन घाटो मे गंदे कपड़े धोते है और साबुन से नहाते है! और दूसरी तरफ नर्मदा नदी को माँ कहते हैं? घाटों पर चारो तरफ गंदगी फैली रहती है! लेकिन कोई दूर दूर तक सुध लेने वाला नहीं है?*
*जहां एक तरफ नर्मदा जी के घाट वाले शहरों, कस्बों और धार्मिक स्थलों पर बेरोजगारी चरम सीमा पर है, वहां पर युवा महिलाओं और नौजवानों को सरकारी नौकरी घाट और मंदिर पुलिस के नाम पर संविदा के आधार पर देकर घाटों और मंदिरों की साफ सफाई की जिम्मेदारी और नदी में कपड़े धोने वाले, साबुन से नहाने वालों को कड़ाई से रोकने की जिम्मेदारी दी जा सकती है।*
*प्रशासन और घाट के किनारे बने मंदिर के पंडों और पुजारियों मे इतनी भी गैरत बाकी नहीं बची है कि कम से कम घाटों पर गंदे कपड़ों को धोने और साबुन से नहाने पर पूर्ण प्रतिबंध के होर्डिंग घाटों पर लगाए, और पुलिस को सूचित करने के मोबाइल नंबर लिखे! और स्वयं घाटों और पवित्र नदी को गंदा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे!*
*@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यू्ज इंदौर*
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