
हिंद कि खोज
February 3, 2025 at 08:56 PM
बसंत पंचमी से जुड़ी कुछ अनोखी और अनसुनी बातें:
कामदेव और रति की कथा – बसंत पंचमी को प्रेम के देवता कामदेव और उनकी पत्नी रति से भी जोड़ा जाता है। माना जाता है कि इसी दिन कामदेव ने भगवान शिव की तपस्या भंग करने के लिए अपने प्रेम बाण चलाए थे।
पीले रंग का वैज्ञानिक कारण – बसंत पंचमी पर पीला रंग पहनने की परंपरा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि वैज्ञानिक भी है। इस समय खेतों में सरसों के पीले फूल खिलते हैं और सूर्य की किरणों का प्रभाव अधिक होने से यह रंग मानसिक ऊर्जा और सकारात्मकता को बढ़ाता है।
संगीत और विद्या की देवी सरस्वती – पुराणों के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना के बाद जब चारों ओर सन्नाटा देखा, तब उन्होंने अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे मां सरस्वती प्रकट हुईं और सृष्टि में वाणी व संगीत का संचार किया। इसलिए यह दिन विद्या और कला के लिए शुभ माना जाता है।
पहली बार पढ़ाई की शुरुआत – बसंत पंचमी पर छोटे बच्चों को पहली बार 'अक्षर ज्ञान' कराया जाता है, जिसे ‘विद्या आरंभ’ कहते हैं। यह परंपरा खासतौर पर बंगाल और ओडिशा में अधिक प्रचलित है।
पतंग उड़ाने की परंपरा – उत्तर भारत में इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा भी है। यह परंपरा इसलिए बनी क्योंकि इस समय सूर्य की किरणें लाभकारी होती हैं और पतंग उड़ाने से लोग खुले में जाकर धूप का लाभ लेते हैं, जिससे शरीर में ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
गंगा नदी से जुड़ा संबंध – कुछ किंवदंतियों के अनुसार, इस दिन गंगा नदी पृथ्वी पर अवतरित हुई थी, इसलिए कई लोग बसंत पंचमी को गंगा स्नान का विशेष महत्व मानते हैं।
सिखों में भी खास मान्यता – गुरु गोविंद सिंह जी ने बसंत पंचमी के दिन पटना साहिब में एक बड़ा आयोजन किया था। इस दिन निहंग सिख पारंपरिक नीला और पीला पहनकर खास ‘बसंती’ परेड निकालते हैं।
यह अनसुनी बातें बसंत पंचमी को और खास बना देती हैं।