पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
January 31, 2025 at 05:04 AM
उगत है सूरज देव भोरे भिनसार से, जागत भागत छोड़त सब खाट से, आई बुलवय फगुना होलियार पूरब की ओर से, चला हो साथी बीती माघी की ठंडी करवट के खाट से , भई ब सुबहिया देवता के अंजोर से, जगा हो लोगा खेलल चली गुलाल के गुलेर से, @सम्राट साहू
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