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पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)

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About पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)

शिक्षा और संस्कार जिंदगी जीने के मूल मंत्र है ।। शिक्षा कभी झुकने नहीं देगी, और संस्कार कभी गिरने नहीं देंगे ।। 😇🙃😇 https://whatsapp.com/channel/0029Va6rXzGDJ6GsANtKXp1L

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पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
6/16/2025, 9:02:54 AM

कभी महफिलों में जलील होकर देखो, ये रंग जो तुम पर जच रहा मुहब्बत का, सपनों के महल लड़खड़ा जाएंगे, कच्चे मकान की तरह, #शायरी @सम्राट साहू 💘

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पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
6/16/2025, 9:01:50 AM

कबीले तारीफ है नाराजगी तुम्हारी, वक्त मिले तो जरूर आएंगे मनाने, #शायरी @सम्राट साहू 💜

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पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
6/16/2025, 9:02:20 AM

यादों में बसा करके मुझे जीने न दिया, कई दफा आकर निगाहों में, मुझे पीने न दिया, #शायरी 🥹🍾 @सम्राट साहू 💕

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पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
6/16/2025, 8:59:36 AM

तुम ढूंढ रही हो सुकून जिसमें, वो अपने सुकून की तलाश में है, तुम चाह रही अपनी मोहब्बत, वो अपनो की तलाश में है, #शायरी @सम्राट साहू ❤️

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पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
6/15/2025, 4:07:14 PM

जीवन का एक लक्ष्य यह भी रखा हूं मैं, कुछ न बन सका तो, एक कर्मठ पिता अवश्य बनूं, जीवन सरल न सही, पिता सा संघर्ष जरूर करूं, #happy_father's _day 🙏🏻 @सम्राट साहू 🙏🏻

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पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
6/14/2025, 5:05:40 PM

*रोजगार रहित प्रेम वृक्ष* *ओह मेरी प्रेम प्रिये,* *कुछ कहना हूं चाहता, दामन को थामने से पूर्व,* कहो तो सुनाऊं अपनी व्यथा, झुकी नजर को हां समझूं या थामे कोमल हाथों को, व्यथित हृदय को हां समझूं या भय वश व्याकुल अधरों को, व्यग्रता से भयभीत मन या हिलोरे मारते तन को, विचलित हुए नैन नक्ष या होते कंपित लफ्जों को, कहूं कैसे ये विडंबना ,भयभीत हो रहा प्रतीत, परन्तु , प्रेम फलित की आहुति को , बताना होगा अतीत, अर्धांगिनी की बेला से पहले, सत्य प्रकाश से हो अभिषेक, जीवन की संगिनी से पहले, निश्चिंत हो विवेक, मन संचय के आडंबर से हो रहा मलिन, सो , आगमन से पूर्व हे! गृह स्वामिनी तुम हो चिंतन विहीन, इसलिए आवश्यक है यह व्यकव्य का आशय, भेद रहित हो नाते का परिचय, (2) *तो सुनो सखी तुम हृदय प्रिए,* *बतलाता हु व्यथा कथा मैं,* वास जहां मैं करता हु वह केवल आलय, रहते जहां दो देव जनक - जननी जिनका है वह सचिवालय, वो पूरक उस कुल के जिनका मै सेवक हूं, जो कुटुंब वृक्ष है उनका, मैं अंश उसी का हुं, जड़ को लगती चोट कभी भी दर्द यहां भी होता है, छलनी होती कभी भी टहनी आह! भर आती है, चोट कैसी भी हो तनों में मलहम मै हो जाता हूं, धूल थपेड़ों की मारो से, उनके छाया में बच जाता हूं, नहीं कोई उपजाऊ स्रोत फिर भी उपजा आता हु, न उर्वरकता का माध्यम न खाद्य भरपूर हो पाता हु, मैं उनकी छाया तले एक बोझ रूप में रहता हु, न बढ़ने की फिक्र में उज्र भांति में रहता हु, उन्हीं के पोषण पर पलता हु , थपेड़ों के झोंके खाता हूं, उन्हीं की नक्शे कदमों पर, ताल से ताल मिलाता हूं, जिनका ऋणी में हूं सदैव उनका उऋण न चाहता हु, उनके पैरों के धूल तले, भविष्य बाट न देखता हूं, कर विचार विमर्श अब वो प्रिय सखी, कैसे यह गमन सुफल होगा, निर्बाध प्रेम अपना प्रियतम, कैसे यह सुनिश्चित होगा, *#poetry_of_nowday_trend*❤️ @सम्राट साहू 🙏🏻

❤️ 3
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
5/19/2025, 6:48:05 PM

लोगों ने पूछा डीपी (डिस्प्ले पिक्चर) क्यों नहीं बदलते हो, हमने भी कह दिया, हम वो नहीं जो किसी के पसंद पर बदल जाए, हमें वैसा ही रहना पसंद है जैसा सबने हमे देखा है। #attitude @सम्राट साहू 😎

❤️ 2
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
5/20/2025, 2:29:31 AM

समझ को ,थोड़ी भी समझ होती, वो समझदारों सी, वफादारी नहीं करती, #tanj @सम्राट साहू 🙏🏻

❤️ 1
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
5/19/2025, 5:29:16 PM

*लौह में ही स्वर्ण जड़ित हो जाऊं* (1) आखिर यह क्यों होता है, पिता का गुस्सा प्यार कहलाता है, बेटे का गुस्सा, गुस्सा, मां करे तो लाड लड़ाती है, बेटा करे तो क्रोध निकलता है, मां खाना पूछे, पिता कहे जाकर कमा के खाओ, बेटा पूछे तो धर्म , बहू पूछे तो सौभाग्य से मिली, बाप कमाए तो, शौक पूरे, बेटा कमा के करे तो, ऐश क्यों, बाप ने बनाया तो मंदिर दिया, बेटे का बनाया मकान क्यों हुआ, बाप को खेती केवल दो हाथ, बेटे की बाड़ी डेढ़ हाथ क्यों, बाप बड़ा परिश्रम से कमाता है, बेटा क्या धन खोद के लाता है, (2) समझ नहीं आता यह सामाजिक भेदभाव है या, अपनो की ही बनाई कोई जंजीर है, आगे बढ़ने की कोशिश में, कोई खींचता मेरा जमीर है, क्यों नहीं कर सकता मै भी वो, जो उन्होंने कर दिखाया, क्यों उनसे बेहतर बनने को, उनसे ज्यादा जलना है, उनकी आंच में ही तप के ही क्यों न, उनकी ही चमक और बिखेरु, उनके साथ रहकर ही क्यों न, लोहे से स्वर्ण जड़ित हो जाऊं, #Question ? @सम्राट साहू 🙏

❤️ 🙏 3
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
5/22/2025, 5:20:33 PM

कोई दूर होकर भी बहुत पास खींचा आता है, कोई है जो पास होकर भी दूर खींचा जा रहा है, #miss_you_memory @सम्राट साहू 😔

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