
पथ प्रदर्शक (Path Pradarshak)
February 14, 2025 at 04:51 PM
तकदीर का तमाशा देखूं ,
या जो पड़ा तमाचा देखूं,
दोनों ही सूरत में हार पाई,
जीत मेरे नसीब कब आई,
एक तरफ उगता सूरज,
दूसरी तरफ ढलता शाम,
दोनों नदी में बह रहे है,
एक धारा संग दूजा आंसू के,
#love_loss
@सम्राट साहू 🙏🏻
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