वो, जो मिला नहीं! यही है।
वो, जो मिला नहीं! यही है।
February 18, 2025 at 04:54 PM
उस की ख़ुशबू से कभी मेरा भी आँगन महके मेरे घर में भी कभी रात की रानी आए ज़िंदगी भर मुझे इस बात की हसरत ही रही दिन गुज़ारूँ तो कोई रात सुहानी आए मैं ने हसरत से नज़र भर के उसे देख लिया जब समझ में न मोहब्बत के मआनी आए ऐन मुमकिन है कोई टूट के चाहे 'साक़ी' कभी एक बार पलट कर तो जवानी आए 🖤🖤🌸 साक़ी अमरोहवी

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