Dr.Arvind Pandey
Dr.Arvind Pandey
February 10, 2025 at 03:22 AM
*कभी ना कहो की दिन अपने ख़राब है,* *समझ लो की हम काँटों से घिर गए गुलाब है।* *रखो हौंसला वो मंज़र भी आयेगा;* *प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा,* *थक कर ना बैठो, ऐ मंजिल के मुसाफ़िर;* *मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आयेगा।*
👍 2

Comments