
Yogendra Yadav
February 7, 2025 at 02:05 PM
*तीस साल से आ बुक फेयर रहा हूँ, हर बार कुछ नया ढूँढता हूँ।*
*इस बार नज़रें ठहरीं कविताओं, इतिहास और उन भाषाओं की किताबों पर, जो आमतौर पर दिखती नहीं।*
*अगर आएं, तो बस चमकीली किताबों तक न रुकें।*
#worldbookfair
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