
Yogendra Yadav
February 12, 2025 at 08:37 AM
*सवाल सिर्फ़ ‘आप’ की हार का नहीं, बल्कि वैकल्पिक राजनीति की किसी भी कोशिश के भविष्य का है। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से निकली यह पार्टी राजनीति बदलने के लिए बनी थी, लेकिन जल्द ही राजनीति के पुराने नियमों में ढलने लगी। वैकल्पिक राजनीति और भ्रष्टाचार विरोधी आदर्शवाद को छोड़कर ‘गुड गवर्नेंस’ के नारे तक सिमट गई। सत्ता पाने के लिए किए गए समझौते आज उसकी सबसे बड़ी कमजोरी बन चुके हैं।*
*अब ईमानदारी और आदर्श की बात करने वाले हर नए प्रयास के लिए राह और कठिन हो गई है।*
पूरा लेख पढ़ें: https://www.punjabkesari.in/blogs/news/the-death-of-a-dream-is-bigger-than-electoral-defeat-2103862

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