Islamic Theology
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February 4, 2025 at 03:59 PM
सय्यदा आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा ने फ़रमाया : नबी करीम (ﷺ) हर रात जब बिस्तर पर आराम फ़रमाते तो अपनी दोनों हथेलियों को मिला कर सूरह इख़लास, सूरह फ़लक़ और सूरह नास तीनों मुकम्मल पढ़ कर उन पर फूँकते और फिर दोनों हथेलियों को जहाँ तक मुमकिन होता अपने जिस्म पर फेरते थे। पहले सिर और चेहरे पर हाथ फेरते और सामने के बदन पर। ये अमल आप (ﷺ) तीन बार करते थे। (सहीह बुख़ारी : 5017)
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