सक्षम हिंदुस्थानी/Saksham Hindusthani
सक्षम हिंदुस्थानी/Saksham Hindusthani
February 27, 2025 at 12:49 AM
*#चंद्रशेखर_आज़ाद* मेरी लिखी पंक्तियां... अमर हुतात्मा जिनसे सब कांति सीखने आते थे, जिनको देखने मात्र से ही दुश्मन के पसीने छूट जाते थे, वो जिया तो ऐसा जिया की आकाश को भी गर्व हो, और इस दुनिया से ऐसे गया कि भारत माता को भी गर्व हो, अपने मन की करता लेकिन साथ सभी को लेकर चलता, बिस्मिल अशफाक रोशन से था उसका आंगन चमकता, बटुक केश्वर नारायण से जमती जोड़ी निराली थी, राजगुरु,भगत,सुखदेव सी अलग सी तिकड़ी पाली थी, ये वो आग का शोला था जिससे सूरज भी धधकता था, शीतल चरित्र इतना जितना चांद भी महकता था, जीते जी तो कोई इसे छू भी ना सकता था, कुर्बानीयों का समंदर ऐसा स्वयं को ही मार कर चला, भारत माता का ऐसा अद्भुत बेटा, भूमि छोड़ने की शर्त पर जीवन सुरक्षित था, किंतु भूमि मां नहीं छोडूंगा जब तक रहूं जीता किंतु छल का शिकार हो भूमि पर ही रह गया सोता। क्या अद्भुत नजारा क्या दृश्य था महान, एक जुगनू ही सूरज को भी दे रहा था मात, सैंकड़ों से अकेले लड़ता रहा बलिदानी, दो घंटे बाद अंतिम गोली स्वयं पर थी तानी, याद आई महान प्रतिज्ञा की है मैंने भाई, आजाद हूं आजाद ही रहने की कसम है मैंने खाई, कोई भी कर्तव्य को अंतिम क्षण तक ना छोड़ा था बस गोली मारकर स्वयं को इस संसार को छोड़ा था 🙏 चन्द्रशेखर आज़ाद जी को स्मरण दिवस पर पर कोटि कोटि नमन🙏। सक्षम हिंदुस्थानी 9050150185
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