सुलेखसंवाद
सुलेखसंवाद
February 1, 2025 at 12:32 AM
सुनीति कुमार चटर्जी एक बांग्ला भाषी जिनकी शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से हुई और भाषा के क्षेत्र में जिन्होंने हिंदी को भारत की लिंगुआ फ्रैंका यानिकी संपर्क भाषा के तौर पर मान्यता देने के लिए भाषा वैज्ञानिक आधार दिए। उन्हीं के अंग्रेजी में दिए गए भाषणों का संकलन है “भारतीय आर्य भाषा और हिंदी” नामक पुस्तक। आप में से कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि हिंदी को ही क्यों चुना जाए भारत की भाषा के तौर पर ? इस प्रश्न का उत्तर इस किताब के अध्ययन से मिलेगा। भाषाविज्ञान और भारतीय भाषा मानचित्र के आधार पर विश्लेषण से किसी पूर्वधारण या भावना के अतिरेक के बिना यह किताब हमें यह समझने में सहायता करती है कि कैसे भारतीय राजनैतिक इतिहास और भाषाओं की सांस्कृतिक विकास यात्रा में हिंदी ही वह भाषा बनी जो उत्तर से दखिन पूर्व से पश्चिम तक समझी गई। हर भारतीय अपने आप में द्विभाषी आदिम काल से ही रहा है। इस किताब को पढ़ने में बहुत सी पुरानी गैरजरूरी बातें भी सामने आयेंगी क्योंकि कई शोध आगे बढ़ गए हैं। लेकिन उसके साथ कालातीत तर्क प्रणाली भी मिलेगी जो आपको यह स्पष्ट करेगी कि भारतीय भाषाओं में हिंदी क्यों महत्वपूर्ण है। यह पुस्तक राजकामल प्रकाशन से प्रकाशित है। #राजकमल प्रकाशन #हिंदी अनुवाद #भाष #साहित्य
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