
Prachin Akhand Bharat (प्राचीन अखंड भारत)
February 28, 2025 at 06:20 AM
शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक, पेट से लेकर छत तक… हिंदू मंदिर और संत करते रहे परोपकार के कार्य, पर वामपंथियों ने टेरेसा को बनाया 'मदर'
दरगाह की डेग से चर्च की वाइन तक में दिखती है ‘सेवा’, पर नजर नहीं आता संतों-मंदिरों का परोपकार… क्योंकि हम मजहब देख नहीं करते इलाज, मदद के नाम पर नहीं करते धर्मांतरण
दरगाह की बड़ी डेग में बनने वाले ‘मीठे राइस’ और चर्च में दी जाने वाली ‘लाल वाइन’ तो सोशल मीडिया पर अक्सर लोगों का ध्यान खींचते हैं लेकिन क्या कभी आपको इन जगहों पर मंदिर में बँटने वाले भंडारों के बारे में सुनने को मिलता है? अगर हाँ, तो क्या आप इन भंडारों के महत्व को समझ पाते हैं या आपके लिए ‘भूखे का पेट’ भरने का मतलब केवल ‘फीड द हंग्री’ को समझने तक ही सीमित है? पूरी बात का मतलब क्या है, ये नीचे आपको पढ़ने पर समझ आता जाएगा।
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