AYURVED CREATION
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February 21, 2025 at 06:36 AM
*पलाश* Butea Monosperma किंशुक , बहुलवल्कल भुर्ज चर्मी Family _ Leguminaceae रस - कटु तिक्त कषाय विपाक - कटु वीर्य - उष्ण गुण - लघु रुक्ष उपयोग - १) इसके बीज कृमिघ्न, भेदन तथा कुष्ठष्न हैं। पुष्प-मूत्रजनन हैं। गोंद उत्तम ग्राही है। (२) इसके बीज का स्वाद अच्छा नहीं रहता तथा कभी कभी इससे मिचली, पेट में दर्द या वमन हो सकता है। छिलका निकाल कर बीज देने से दस्त नहीं होता किन्तु छिलके के साथ देने से दस्त होता है। (3) बीजों को नींबू के रसके साथ घिसकर दाद आदि चर्म रोगों में लगाते हैं। (४) गोंद अतिसार, प्रवाहिका तथा भोजनोपरान्त गले में खट्टा पानीआता हो तब देते हैं (५) फूलों का फांट शोरे के साथ मूत्रावरोध में पिलाया जाता है तथा फूलों से पेडू, कमर आदि सेंकतेहैं। ६) ढाक के फूल-स्वादिष्ट, तिक्त तथा कषाय रस युक्त, विपाकमें कटु रस युक्त, वात जनक , कफ-पित्त, रक्तविकार तथा मूत्रकृच्छ्रनाशक, ग्राही, शीतल, तृषा और दाह को शमन करने गरे एवम् वातरक्त तथा कुष्ठ को अत्यन्त दूर करनेवाले होते है। *#dg* *#second_professional* *#ayurved_creation* *AYURVED CREATION ❤️✨* *~~~~~~~BAMS CG FOUNDATION ✊🏻✊🏻✊🏻*
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