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February 21, 2025 at 06:26 AM
*कित्तूर की वीरांगना - रानी चेन्नम्मा*
कर्नाटक के कित्तूर के राजा मल्लसर्ज की धर्मपत्नी थी रानी चेन्नम्मा. केवल 15 वर्ष की आयु में वो कित्तूर की रानी बनी.
वर्ष 1824 में ब्रिटिश ईसाइयों के विरुद्ध रानी चेन्नम्मा ने प्रतिरोध का नेतृत्व किया और उन्हें विजय भी मिली.
अंग्रेजों के विरुद्ध प्रतिरोध के समय 29 फरवरी, 1829 को उन्होंने मातृभूमि की रक्षा एवं स्वतंत्रता के लिए युद्धबंदी के रूप में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.
वर्ष 1977 में भारत सरकार ने महान वीरांगना रानी चेन्नम्मा के सम्मान में डाक टिकट जारी किया.
_वीर पराक्रमी महान योद्धा रानी चेन्नम्मा के बलिदान दिवस पर शत शत नमन_
*मेरी संस्कृति…मेरा देश…मेरा अभिमान 🇮🇳*
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