
Worldmaster Bharat Mission
February 15, 2025 at 06:34 PM
"मैंने पूरे भारत की यात्रा की है और मैंने एक भी व्यक्ति को भिखारी या चोर नहीं देखा। मैंने इस देश में इतनी संपत्ति, इतने उच्च नैतिक मूल्य, इतनी क्षमता वाले लोग देखे हैं कि मुझे नहीं लगता कि हम इस देश को कभी जीत पाएंगे, जब तक कि हम इस देश की रीढ़ को ही न तोड़ दें, जो कि इसकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत है और इसलिए, मेरा प्रस्ताव है कि हम इसकी पुरानी और प्राचीन शिक्षा प्रणाली, इसकी संस्कृति को बदल दें, क्योंकि यदि भारतीय यह सोचेंगे कि जो कुछ भी विदेशी और अंग्रेजी है वह उनकी अपनी शिक्षा प्रणाली से अच्छा और महान है, तो वे अपना आत्मसम्मान, अपनी मूल संस्कृति खो देंगे और वे वही बन जाएंगे जो हम चाहते हैं, एक वास्तविक रूप से प्रभुत्वशाली राष्ट्र"।
2 फरवरी 1835 को लॉर्ड मैकाले का ब्रिटिश संसद में संबोधन
