International News Hindi
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February 26, 2025 at 04:58 AM
❗ रिपोर्ट | इसराइली जेलों में अब भी 160 से ज़्यादा ग़ज़ा के हेल्थ वर्कर्स क़ैद, टॉर्चर और रेप आम बात द गार्जियन की 25 फरवरी की रिपोर्ट के मुताबिक, ग़ज़ा के कम से कम 160 हेल्थकेयर वर्कर्स, जिनमें 20 से ज़्यादा डॉक्टर शामिल हैं, अब भी इसराइल की हिरासत में हैं, जहां टॉर्चर और रेप जैसी दरिंदगी रोज़मर्रा का हिस्सा है। पलस्तीन की मेडिकल NGO "हेल्थकेयर वर्कर्स वॉच" (HWW) के अनुसार, 162 मेडिकल स्टाफ इसराइली क़ैदखानों में बंद हैं, जिनमें ग़ज़ा के कई सीनियर डॉक्टर भी शामिल हैं। इसके अलावा, 24 मेडिकल स्टाफ़ लापता हैं, जिन्हें इसराइली फौज ने जंग के दौरान अस्पतालों से अगवा कर लिया था। पहले क़ैद किए गए 179 मेडिकल वर्कर्स को छोड़ा जा चुका है। HWW के डायरेक्टर मुआथ अलसर ने कहा: "इसराइल द्वारा हेल्थकेयर वर्कफोर्स को निशाना बनाने से ग़ज़ा में हेल्थ सर्विसेज़ तबाह हो गई हैं। इलाज की कमी से हज़ारों जानें जा रही हैं, और कई मेडिकल फील्ड्स पूरी तरह से ख़त्म हो गई हैं।" डॉक्टरों का बयान – बेरहमी से टॉर्चर, भुखमरी, अमानवीय सुलूक गार्जियन और अरब रिपोर्टर्स फॉर इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म (ARIJ) ने ग़ज़ा के 7 सीनियर डॉक्टरों के बयान दर्ज किए, जिनमें बताया गया कि कैसे उन्हें अस्पतालों, ऐंबुलेंस और चेकप्वाइंट से उठाकर इसराइल के जेलों में महीनों तक टॉर्चर किया गया। डॉ. हुस्साम अबू साफिया (कमाल अदवान अस्पताल के डायरेक्टर) को दिसंबर में इसराइली फौज ने गिरफ़्तार किया। ओफर जेल (रमल्लाह) में उनसे मिलने वाले वकील ने बताया कि उन्हें टॉर्चर किया गया, बेरहमी से पीटा गया और इलाज से महरूम रखा गया। डॉ. मोहम्मद अबू सिल्मिया (अल-शिफ़ा अस्पताल के डायरेक्टर) ने 7 महीने की क़ैद के दौरान हुए जुल्मों का ज़िक्र किया: "हमें डंडों और राइफल के बट से मारा जाता था, कुत्तों से हमला कराया जाता था। खाने को कुछ नहीं था, नहाने-धोने की सहूलत नहीं थी, पानी, टॉयलेट, साबुन कुछ भी नहीं था। मैंने अपनी आँखों से कैदियों को मरते देखा। मुझे इतनी बुरी तरह पीटा गया कि मैं चल भी नहीं सकता था। हर दिन टॉर्चर होता था।" इसराइली जेल में डॉक्टरों की मौत, रेप और अमानवीय ज़ुल्म डॉ. इयाद अल-रंतिसी (कमाल अदवान अस्पताल, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ) और डॉ. अदनान अल-बुर्श (अल-शिफ़ा अस्पताल, हड्डी रोग विशेषज्ञ) – इसराइली जेल में टॉर्चर के दौरान मौत। इसराइल की मिलिट्री 48 फ़लस्तीनी क़ैदियों की मौत की जांच कर रही है, जिनमें 36 की मौत स्दे तेमान जेल में हुई। CNN की जांच में पाया गया कि कैदियों की इतनी बेरहमी से हथकड़ी लगाई जाती थी कि डॉक्टरों को उनके अंग काटने पड़ते थे। अगस्त में एक वीडियो सामने आया, जिसमें इसराइली जेल गार्ड्स को एक फ़लस्तीनी क़ैदी का गैंगरेप करते हुए दिखाया गया। अल जज़ीरा के मुताबिक, वीडियो में कैदियों को ज़मीन पर बांधकर लिटाया गया, फिर एक को चुनकर अलग ले जाया गया और गार्ड्स ने उसे ढालों के पीछे छुपकर गैंगरेप किया। इस वीडियो के सामने आने पर इसराइली सियासतदानों और पत्रकारों ने गार्ड्स का बचाव करते हुए कहा कि "फ़लस्तीनियों के ख़िलाफ़ जंग में हर चीज़ जायज़ है, चाहे गैंगरेप ही क्यों न हो।" 📌 इस रिपोर्ट ने इसराइल की जेलों में हो रहे जुल्म और अमानवीयता को बेनकाब कर दिया है, जिसमें फ़लस्तीनी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ़ को टॉर्चर, भुखमरी और यौन हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है। हिन्दी में दुनियाभर खासकर अरब देशों की न्यूज के लिए हमारे चैनल जो फॉलो,ज्वाइन करें और इस न्यूज को दूसरे ग्रुप में शेयर करें https://whatsapp.com/channel/0029VamD1MpD8SE3AOQB7G06 https://t.me/InternationalnewsUpdate https://chat.whatsapp.com/DcLsHGU3Pl1Eu0oXfYLJcn

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