AIMIM - SAHARANPUR U.P.
                                
                            
                            
                    
                                
                                
                                February 7, 2025 at 04:00 AM
                               
                            
                        
                            मैं हमेशा एक बात बोलता हूं कि आने वाले समय में मुसलमानों की रहनुमाई और अगुआई दोनों नौजवान करेंगे। 
वहीं दूसरी तरफ 50+ वाले हिकमत के नाम पर गुलामी को अपना पेशा बना चुके हैं और यह ट्रेंड राजनीति में भी आपको देखने को मिलेगा। 
जिस शिफाउर रहमान के बलिदान को तस्लीम करते हुए इकरा हसन, जियाउर रहमान बर्क और इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने राजनीतिक हितों को साइड में रखते हुए शिफा भाई के खिलाफ कोई चुनाव प्रचार नहीं किया। 
वहीं पर कद्दावर नेता के नाम पर 50+ वालों में शामिल मोहम्मद जावेद और इमरान मसूद ने अपने निजी हितों को ऊपर रखते हुए शिफा भाई के खिलाफ खूब प्रचार प्रसार किया। 
अब इन 50 प्लस वालों के लिए क्या दुआ की जाए आप खुद ही तय कर लो!
                        
                    
                    
                    
                        
                        
                                    
                                        
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