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February 3, 2025 at 12:06 PM
मौनी अमावस्या की कहानी बहुत समय पहले की बात है, एक दयालु और ज्ञानी देवता थे, जिनका नाम भगवान शिव था। वह पहाड़ों में अकेले समय बिताना पसंद करते थे, शांतिपूर्वक बैठकर दुनिया के बारे में सोचते थे। एक दिन, भगवान शिव ने तय किया कि वह पूरे दिन मौन रहेंगे। उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा, “मौन हमें हमारे दिल की सुनने और शांति महसूस करने में मदद करता है।” मौनी अमावस्या के दिन भगवान शिव मौन रहकर ध्यान में बैठ गए। उनके अनुयायी, जो उनके मौन को देखकर हैरान थे, उन्होंने भी सोचा कि क्यों न भगवान शिव की तरह मौन रखा जाए। वे भी शांतिपूर्वक बैठ गए और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्हें जल्द ही समझ में आया कि मौन से वे कितने शांत और खुश महसूस कर रहे थे। तभी से, हर साल लोग मौनी अमावस्या मनाने लगे। इस विशेष दिन पर, सभी लोग थोड़ी देर के लिए मौन रहते, अपनी ज़िंदगी की अच्छाइयों के बारे में सोचते और आंतरिक शांति प्राप्त करते थे। और इस तरह, मौनी अमावस्या एक ऐसा दिन बन गया जब लोग मौन की शक्ति को याद करते और यह महसूस करते थे कि मौन से हम अपने अंदर की शांति और खुशी पा सकते हैं।

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