
Shivam Yadav
February 26, 2025 at 03:16 PM
दूसरों को अमृत दे कर विश्व-कल्याण के लिए स्वयं
विष-पान करने की सनातन धारणा ही देवाधिदेव के नाम से प्रतिष्ठित है। लय और प्रलय के संयुक्त पर्याय तथा डमरू और त्रिशूल के एकल स्वामी भगवान शिव की कृपा आप सबपर सदैव बनी रहे। महा-शिवरात्रि के इस विशेष अवसर पर आप सभी शिव-भक्तों को हार्दिक बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएँ। #महाशिवरात्रि