she'r-o-suKHan
she'r-o-suKHan
February 19, 2025 at 06:36 AM
बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मेरे आगे होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे, मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे तू देख कि क्या रंग है तेरा मेरे आगे — चचा ग़ालिब
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