
Sri Guru
January 31, 2025 at 08:08 AM
*अपने भागों के योग से अधिक*
मस्तिष्क को मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। लेकिन क्या आप अपनी आँखों के बदले में एक और मस्तिष्क लेना चाहेंगे?
शतरंज के खेल में रानी सबसे शक्तिशाली मोहरा है। लेकिन क्या आप प्यादों के बिना शतरंज का एक पूरा खेल खेल सकते हैं?
यदि आपको एक जिगसॉ पज़ल दी जाए जिसके सभी हिस्से बिल्कुल एक जैसे दिखते हों, तो क्या उस पज़ल को हल करना संभव होगा?
आप ‘ब्रह्मांड’ नामक सबसे बड़ी जिगसॉ पज़ल के एक अनन्य भाग हैं। इसलिए, यदि कोई अपनी प्रतिभा के लिए दूसरों से मान-सम्मान पाता है, तो ईर्ष्या में न जाएँ। यदि कोई किसी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है, तो वैसी ही सफलता की कामना न करें। यदि किसी व्यक्ति का जीवन बहुत ही सुखी प्रतीत होता है, तो उसके जैसा जीवन जीने का सपना न देखें। यदि आपके मित्रों और सहकर्मियों की जीवनशैली आपसे अलग है, तो उनके जैसा दिखने के लिए अपने व्यक्तित्व को न दबाएँ। दूसरों के गुणों से प्रेरणा लें, लेकिन उनके मार्ग पर चलने के लिए अपने मार्ग का विस्मरण न करें।
आप दूसरों से भिन्न हो, यही आपके अस्तित्व का कारण है। यदि आप किसी और की हूबहू कार्बन कॉपी होते, तो आपका अस्तित्व निरर्थक होता, और ‘ब्रह्मांड’ नामक जिगसॉ पज़ल सदा के लिए अधूरी रह जाती।
हमारी भिन्नताओं के कारण हमें तुलना के जाल में नहीं फंसना चाहिए। इन भिन्नताओं के मिलन से ही पूर्ण का निर्माण होता है। ऐसा पूर्ण जो अपने भागों के योग से अनंत गुना बड़ा है।
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