जय क्षात्र धर्म⚔️🚩🚩
February 18, 2025 at 10:07 AM
मराठा लोग अपने पूर्वजो का नाम हमेशा अद्भुत श्रद्धा और सम्मान के साथ लेते हैं। उनके लिए वे केवल राजा नहीं बल्कि ईश्वर से कम भी नहीं हैं। लेकिन हम? हम अपने पूर्वजों के नाम ऐसे लेते हैं जैसे वे बस इतिहास के कुछ पन्नों में दर्ज साधारण व्यक्ति हों। क्या यही हमारा सम्मान है?
हम अक्सर कहते हैं कि हमारे इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा गया, हमारे पूर्वजों को बदनाम किया गया। लेकिन जब हम खुद उनका नाम लेते हैं, तो क्या हम उन्हें वह सम्मान देते हैं जिसके वे हकदार हैं? महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, अनंगपाल तोमर, राजा भोज, मान सिंह, जयचंद व अन्य राजपूत महापुरुषो का नाम लेते समय क्या हम एहसास करते हैं कि ये केवल राजा नहीं, बल्कि हमारी विरासत की रीढ़ थे?
हम दूसरों से अपने इतिहास का सम्मान करने की उम्मीद करते हैं लेकिन क्या हम खुद ऐसा करते हैं? हम अपने ही पूर्वजों के नाम बिना किसी सम्मानसूचक शब्द के लेते हैं, बिना श्रद्धा के, मानो वे हमारे युग के कोई साधारण व्यक्ति हों। अगर हम खुद उनके नाम को गर्व से नहीं ले सकते, तो फिर दुनिया से सम्मान की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?
सम्मान केवल याद करने में नहीं बल्कि कैसे याद करे