
Dr.Rammanohar Lohia Avadh University, Ayodhya, Uttar Pradesh
February 13, 2025 at 01:36 PM
*हर समय की कैसी है ये दौड़,
कभी किसी से-कभी खुद से,
न पता है इसका कोई तोड़,
लगा था कुछ समय की बात है,
पर ये दौड़ तो न थमने वाला सैलाब है,
दौड़ते वक्त न महसूस किया इस सफर को,
बस चलते रहे कदम और आगे रखा नज़र को,
एक के बाद एक मंज़िल का सिलसिला चलता जा रहा है,
इस दौड़ का अंत तो आस पास नज़र ही नही आ रहा है, जिस तरफ दौड़ रहे हैं, क्या वो मंज़िल सही है,
सफर में ये निकलते पल, क्या कीमती नही है?
बह जाएंगे इस सैलाब में, जो न संभाला खुदको,
इसलिए रुक कर - ठहर कर देखना ज़रूर इस सफर को...।।*
समस्त छात्र-छात्रा यदि अपने हित के साथ दूसरों का भी हित चाहते हो तो लिंक शेयर कर दीजिए क्यों कि जिस तरह आप सूचना के अभाव में गुमराह होते हो ठीक उसी तरह अन्य छात्र- छात्रा भी समय से सूचना और सही जानकारी न मिलने पर गुमराह होते हैं यदि आपके भीतर थोड़ी भी मानवता हैं तो लाइक और शेयर करना न भूले...।।
*स्वार्थ नहीं निस्वार्थ सेवा करते हैं* इस निस्वार्थ सेवा में छात्र-छात्रा लाइक शेयर करके अपनी अहम भूमिका निभाए...!!
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