
PAHAL
February 3, 2025 at 01:46 AM
। प्रार्थना ।
। गीतिका ।
भक्ति भाव की थामें थाली,
आया द्वार ले आस मॉं।
श्रद्धा -सुमन करूॅं अर्पण मैं,
नहीं कुछ मेरे पास मॉं।
जान रहा मैं मान रहा मैं,
करता सदा विश्वास मॉं।
क्षीर नीर विवेक से भर दो,
कर दो प्रज्ञा विकास मॉं।
भक्ति भाव की थामें थाली,
आया द्वार ले आस मॉं।
धवल वसन सा मन निर्मल हो,
जीवन कर दो उजास मॉं।
ज्ञान समेटे पुस्तक कर में,
बना लो अपना दास मॉं।
छेड़ रही हो तुम वीणा को,
दो वाणी में मिठास मॉं।
भक्ति भाव की थामें थाली,
आया द्वार ले आस मॉं।
फेर स्फटिक माला को कर में,
बचा लो कल्मष ग्रास मॉं।
श्वेत कमल पर तुम राजित हो,
बना दो मुझको खास मॉं।
मातु भारती यह वर मुझको,
हो सफल सदा प्रयास मॉं।
भक्ति भाव की थामें थाली,
आया द्वार ले आस मॉं।
रचयिता - राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क - 9835232978