
PAHAL
February 9, 2025 at 08:14 AM
रूप घनाक्षरी
आठ-आठ वर्ण पर,
लय में यति लाकर,
होता बत्तीस वर्ण से, एक चरण का मान।
पूर्ण वर्ण की गणना,
आधा को नहीं गिनना,
चरणांत गुरु लघु, अनिवार्य है विधान।
शब्दों में हो सरलता,
लय में निरंतरता,
चारों चरण में सदा, हो कथ्य भाव समान।
चार चरणों में होते,
मन सदा मोह लेते,
रूप घनाक्षरी जब, करते हम हैं गान।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क - 9835232978