
PAHAL
February 15, 2025 at 06:23 AM
बिजली से सुरक्षा - रूप घनाक्षरी
हो सुविधा भोगी आज,
ऐसा हो गया समाज,
सबके सब ले रहें, उपकरणों से काम।
यंत्र प्रयोग में लाते,
बिजली जिसे चलाते,
पर विद्युत धारा से, खतरे होते तमाम।
कटा छिला सा तार हो,
तीव्र धारा प्रवाह हो,
नुकसान पहुंचाती, शरीर होता बेकाम।
पानी नहीं पिलाइए,
वैद्य से भी दिखाइए,
कभी कभी तो हो जाता, घातक है परिणाम।
रचयिता - राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क - 9835232978